Edited By shukdev,Updated: 23 Aug, 2018 09:02 PM
एचएएल ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए उपकरण की आपूर्ति को लेकर नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरी (एनएएल) को 100 करोड़ रुपए का ठेका दिया है। एनएएल के निदेशक जितेन्द्र जाधव ने गुरुवार को यह कहा। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अधीन आने...
नई दिल्ली : एचएएल ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए उपकरण की आपूर्ति को लेकर नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरी (एनएएल) को 100 करोड़ रुपए का ठेका दिया है। एनएएल के निदेशक जितेन्द्र जाधव ने गुरुवार को यह कहा। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अधीन आने वाला एनएएल ने प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसका उपयोग एलसीए के प्राथमिक एयरफ्रेम उपकरणों में किया जाता है। एनएएल ने कहा, ‘कंपोजिट प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी में से एक है जो एलसीए को चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाती है। अन्य देशों द्वारा जरूरी प्रौद्योगिकी देने से इनकार के दौरान देश में जटिल कल-पुर्जे बनाने की चुनौती थी।’
सीएसआईआर के महानिदेशक गिरीश साहनी ने कहा कि कंपोजिट प्रौद्योगिकी के उपयोग से एयर फ्रेम के वजन में 20 प्रतिशत की कमी आई है। तेजस एलसीए सुपरसोनिक एकल सरट, एकल इंजन बहु-भूमिका वाला हल्का लड़ाकू विमान है। इसका विनिर्माण ङ्क्षहदुस्तान एयरोनोटिक्स लि. ने किया है। इसे भारतीय वायुसेना ने जुलाई 2016 में अपने बेड़े में शामिल किया। एनएएल नागरिक और सैन्य उपयोग में काम आने वाले विमान सारस के विनिर्माण की भी प्रक्रिया में है।