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आंध्र प्रदेश के यगंती उमा महेश्वर मंदिर में बढ़ रही नंदी महाराज की मूर्ति, जानें क्या है इसका रहस्य!

Edited By Rahul Rana,Updated: 05 Dec, 2024 09:51 AM

nandi maharaj is growing in yaganti uma maheshwar temple of andhra pradesh

भारत में कई प्राचीन और रहस्यमय मंदिर हैं जिनके बारे में सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। इनमें से एक खास मंदिर है आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित श्री यांगती उमा महेश्वर मंदिर जो भगवान शिव का एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है। इस मंदिर में स्थित नंदी...

नॅशनल डेस्क। भारत में कई प्राचीन और रहस्यमय मंदिर हैं जिनके बारे में सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। इनमें से एक खास मंदिर है आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित श्री यांगती उमा महेश्वर मंदिर जो भगवान शिव का एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है। इस मंदिर में स्थित नंदी जी की मूर्ति का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है जिसका रहस्य आज तक किसी को नहीं समझ में आया।

यह मंदिर कहां है?

यह मंदिर हैदराबाद से 308 किमी और विजयवाड़ा से 359 किमी दूर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के संगम वंश के राजा हरिहर बुक्का राय ने करवाया था। इसे वैष्णव परंपराओं के अनुसार बनाया गया था और यह पल्लव, चोल, चालुक्य, और विजयनगर शासकों की स्थापत्य कला को दर्शाता है।

नंदी की मूर्ति का रहस्य

भगवान शिव के मंदिरों में नंदी जी की मूर्ति हर जगह होती है लेकिन इस मंदिर की नंदी मूर्ति में कुछ खास है। कहा जाता है कि इस मूर्ति का आकार हर 20 साल में लगभग एक इंच बढ़ता है। इसके कारण मंदिर के खंभों को धीरे-धीरे हटाना पड़ता है। इसके अलावा कुछ मान्यताएं भी प्रचलित हैं जिनके अनुसार कलयुग के अंत तक नंदी की मूर्ति विशाल रूप में जीवित हो जाएगी और तब महाप्रलय आएगा जिससे कलयुग का अंत हो जाएगा।

मंदिर का इतिहास

मंदिर की स्थापना से जुड़ी एक दिलचस्प कथा भी है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना अगस्त्य ऋषि ने की थी। वे यहां भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर बनवाना चाहते थे लेकिन मूर्ति के अंगूठे के टूटने के बाद अगस्त्य ऋषि ने भगवान शिव की पूजा की। भगवान शिव ने प्रकट होकर कहा कि यह स्थान कैलाश की तरह दिखता है इसलिए यहां उनका मंदिर बनाना चाहिए।

श्राप के कारण कौए नहीं आते

इस मंदिर में एक और अजीब बात है कि यहां कभी भी कौए दिखाई नहीं देते। इसके पीछे एक कहानी है जिसके अनुसार अगस्त्य ऋषि जब तपस्या कर रहे थे तब कौए उन्हें परेशान करते थे। नाराज होकर ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि वे इस स्थान पर कभी नहीं आ सकेंगे। तभी से इस मंदिर में कौए नजर नहीं आते।

बता दें कि इस रहस्यमय मंदिर की खासियतें और चमत्कारी घटनाएं इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बनाती हैं।

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