Edited By Yaspal,Updated: 17 May, 2021 06:10 PM
पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। सीबीआई की ओर से टीएमसी के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद राजनैतिक भूचाल आ गया है। टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई...
नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। सीबीआई की ओर से टीएमसी के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद राजनैतिक भूचाल आ गया है। टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई कार्यालय के बाहर टीएमसी के कार्यकर्ता भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस मामले में सीबीआई अदालत में हो रही सुनवाई पूरी हो गई है। वहीं, शाम को सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्यादा कुछ न बोलते हुए इतना की कहा कि मामले में अदालत फैसला सुनाएगी।
इससे पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था। ऐसा बताया जा रहा है कि सीबीआई के दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में टीएमसी कार्यकर्ता मौजूद थे और टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से पथराव भी किया गया। वहीं दफ्तर के अंदर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लंबे समय तक मौजूद रहीं। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने यहां झंडे लहराए और सीबीआई तथा केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सीबीआई का दफ्तर निजाम पैलेस में केंद्र सरकार के कार्यालय परिसर में स्थित है। यहां पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं तथा परिसर में अवरोधक लगाए गए हैं। कोलकाता पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं।
सीबीआई ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारदा स्टिंग मामले में कोलकाता में गिरफ्तार किया। नारदा स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था।