गुजरात चुनाव परिणाम से टूटा BJP के चाणक्य का सपना!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 01:11 PM

narendra modi amit shah bjp rahul gandhi congress

विधानसभा के रूझान सामने हैं उससे बीजेपी के चाणक्य अमित शाह का सपना टूट गया है। गुजरात में बीजेपी को 110 सीट मिलने की संभावना दिख रही है। जिससे एक बात तो स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी को वर्ष 2012 की अपेक्षा कम सीट मिलेगी। हालांकि अमित शाह ने गुजरात में...

नेशनल डेस्क, आशीष पाण्डेय: गुजरात विधानसभा चुनाव के रूझान के बाद अब परिणाम आने शुरू हो गए हैं। जिससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी के चाणक्य अमित शाह का कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का सपना टूट गया है। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले राजय गुजरात में बीजेपी को 110 सीट मिलने की संभावना दिख रही है। जो बीते वर्ष 2012 की अपेक्षा में कम हैं। जबकि अमित शाह ने गुजरात में 155 से अधिक विधानसभा सीट जीतने का दावा कर गुजरात से कांग्रेस का सफाया होने का दावा किया था। इतना ही नहीं इस दावे को हकीकत बनाने के लिए अमित शाह ने बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रचार में लगा दिया था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 50 से अधिक रैलियों कर 155 से अधिक सीट मिलने के दावे को दोहराते रहे।
PunjabKesari
अमित शाह कर रहे थे चुनाव को मैनेज
चुनाव जीतने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर होता है। माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को मिली सीटें भी शाह के बूथ मैनेजमेंट की बदौलत हैं। ऐसे में वह इस बार अपने गृह राज्य गुजरात में बूथ मैनेजमेंट को लेकर कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चुनाव प्रचार के साथ ही अपने बूथ मैनेजमेंट को भी मजबूत करने की तैयारी की थी। बीजेपी ने एक बूथ 10 यूथ की जगह एक बूथ 30 वर्कर्स की रणनीति पर काम करना शुरू किया था। जिससे एक कार्यकर्ता के जिम्मे बूथ के सिर्फ 25 से 30 वोटरों की ही जिम्मेदारी हो। पार्टी को लग रहा था कि ऐसा करने से उसके कार्यकर्ता ज्यादा प्रभावी तरीके से वोटरों तक पहुंच पाएंगे। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का पहले भी बूथ मैनेजमेंट पर जोर रहा है लेकिन इस बार गुजरात के चुनाव की अहमियत को देखते हुए पार्टी ने एक अलग तरह की रणनीति अपनाई थी। पार्टी ने कमजोर बूथों की पहले ही पहचान कर उन्हें मजबूत करने के लिए 10 की जगह 30 वर्करों को तैनात किया था।

यह थी अमित शाह की रणनीति
अमित शाह की पूरी रणनीति बूथ मैनेजमेंट पर केंद्रित होती है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी की स्थिति मजबूत है वहां पार्टी की ओर से पहले से तय किए गए सिस्टम से ही बूथ पर कामकाज किया जाता रहा, लेकिन जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं थी या फिर कमजोर थी, ऐसी सीटों पर नए तरीके से काम किया गया। बीजेेपी की रणनीति है कि मजबूत बूथों पर ज्यादा जोर इस बात पर दिया जाए कि वहां अधिक से अधिक वोटिंग हो और बीजेपी समर्थित वोटर हर हालत में बूथ पर पहुंचे। इसी तरह से कमजोर बूथों पर उन वोटरों की पहचान किए जाने की योजना थी जो किसी न किसी वजह से बीजेपी से दूर रहे थे। ऐसे पहचाने गए वोटरों तक पहुंचकर उनकी शिकायतों का पता लगाया गया और फिर उन्हें पार्टी के पक्ष में मनाने पर जोर दिया गया।
PunjabKesari
हर वोटर तक पहुंच की थी अमित शाह की रणनीति
अमित शाह ने यह भी रणनीति अपनाई थी की बीजेपी के कार्यकर्ता हर वोटर तक पहुंच सकें। इसके लिए हर बूथ पर कम से कम 30 वर्कर्स लगाए गए। यानी एक वर्कर को 25 से 35 वोटरों तक ही पहुंचना था। यानी एक पेज पर जितने वोटरों के नाम दर्ज होते हैं, उनके लिए एक वर्कर तैनात किया गया। इस तरह से वर्करों के लिए भी काम करना आसान हो जाएगा था अौर वे बेहतर तरीके से वोटरों से बात कर रहे थे। पार्टी के नेताओं का दावा था कि इस तरह से चुनींदा बूथों पर जाकर पार्टी अगर 10 फीसदी वोट भी अपने पक्ष में लाती है तो इसका बड़ा असर हो सकता है और पार्टी अपने 150 प्लस के मिशन तक भी पहुंच सकती है। लेकिन यह दावा खोखला साबित हुआ।   

 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!