अलविदा 2017:बीजेपी का बढ़ा सियासी कद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 07:49 PM

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वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की करिश्माई नेतृत्व में बीजेपी ने केंद्र की सरकार बनाकर सत्ता के 10 साल का अज्ञातवास तोड़ा। इसके बाद से सियासत में जिस तरह से बीजेपी का कद बढ़ा, उसने पूरी दूनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित ​किया। इतना ही नहीं मोदी के नेतृत्व...

नेशनल डेस्क, आशीष पाण्डेय: वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की करिश्माई नेतृत्व में बीजेपी ने केंद्र की सरकार बनाकर सत्ता के 10 साल का अज्ञातवास तोड़ा। इसके बाद से सियासत में जिस तरह से बीजेपी का कद बढ़ा, उसने पूरी दूनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित ​किया। इतना ही नहीं मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का यह करिश्मा वर्ष 2017 में भी खुब देखने को मिला। नवंबर 2016 में लागू हुई नोटबंदी और 2017 में जीएसटी के कारण विपक्ष के निशाने पर रहे मोदी को लगातार देश की जनता ने समर्थन देकर उनके कड़े फैसलों पर अपनी रजामंदी की मुहर लगा दी। जिसका असर यह हुआ है कि देश के कुल 29 राज्यों में से 19 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भगवा फहराया। बीजेपी की इस लोकप्रियता के पीछे निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा योगदान है। हालांकि सत्ता के शिखर पर लगातार कायम होने की एक वजह कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन भी रहा है।
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उत्तर प्रदेश व गुजरात जीत से बढ़ा कद
वर्ष 2017 में यूपी और गुजरात में जिस तरह से बीजेपी ने सत्ता वापसी की उससे सियासत में मोदी सहित बीजेपी का कद बढ़ गया है। 403 विधानसभा सीट वाली यूपी में बीजेपी ने 312 सीट पर कब्जा कर एक तरफा बहुमत हासिल किया। वहां पर योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाया गया। इसी तरह गुजरात की 180 सीट वाली विधानसभा में बीजेपी, अपने 99 विधायक भेजने में सफल रही, हालांकि गुजरात में कांग्रेस मजबूत हुई। गुजरात में विजय रूपानी को दोबारा सीएम बनाया जा रहा है।

गोवा में बीजेपी का करिश्मा
इसी वर्ष मार्च में गोवा विधानसभा चुनाव हुए। 21 सीट वाली विधानसभा में बीजेपी ने अपनी करिश्माई संगठन नीति का परिचय देते हुए छोटी पार्टियों को अपने साथ कर लिया और सरकार बना दी। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर को दोबारा गोवा में वापसी कर उन्हें गोवा की बागडौर सौंपी गई। गोवा में बीजेपी को 13 सीट मिली। उसने एमजीपी के 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के 3 और दो निर्दलीय विधायकों को अपने साथ मिलाकर सत्ता वापसी की।

5 साल बाद उत्तराखंड में वापसी
उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी बीजेपी का झंडा लहर रहा है। 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य की 70 सीटों में 56 सीटों पर कब्जा करते हुए सत्ता में पांच साल बाद वापसी की है। त्रिवेंद्र रावत राज्य सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
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बिहार में फहराया भगवा
जब जुलाई 2017 में बिहार में महागठबंधन टूटा तो देश ने बड़ा सियासी खेल देखा। नी​तीश कुमार की जेडीयू को 71 और भारतीय जनता पार्टी को 53 सीट मिली थी। इसके अलावा रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को भी 2 सीट मिली थी। इसी तरह 243 वाली विधानसभा में जेडीयू, बीजेपी और अन्य ने मिलकर सत्ता हासिल की जिसमें मुख्य रूप से नीतीश और सुशील मोदी साझीदार बने। नीतीश ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस तरह सरकार में भाजपा जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल हो गई और सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने।

मणिपुर पहली बार बीजेपी
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी है जिसका नेतृत्व पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी एन बीरेन सिंह कर रहे हैं। वह राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं। 60 सीटो वाली विधानसभा में बीजेपी को इस राज्य में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना पायी। विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 21 सीटें हासिल हुईं, जबकि कांग्रेस ने उससे 7 सीटें अधिक यानी 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन बीजेपी ने 60-सदस्यीय विधानसभा में 33 विधायकों के समर्थन का दावा सरकार बना ली। 
 

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