नजरिया: PM मोदी से ज्यादा योगी की चिंता वाले नतीजे!

Edited By Anil dev,Updated: 31 May, 2018 04:56 PM

narendra modi bjp yogi adityanath trinamool congress nitish kumar

विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे मोदी से ज्यादा योगी के लिए चिंताजनक हैं। हालांकि कुछ विश्लेषक इसे मोदी मैजिक में गिरावट कह रहे हैं। कुछ इसे 2019 की संभावित तस्वीर से जोड़ रहे हैं। लेकिन हमारी नजर में ऐसा कुछ कहना जल्दबाजी ही है। आंकड़ों के...

नेशनल डेस्क (संजीव शर्मा): विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजे मोदी से ज्यादा योगी के लिए चिंताजनक हैं। हालांकि कुछ विश्लेषक इसे मोदी मैजिक में गिरावट कह रहे हैं। कुछ इसे 2019 की संभावित तस्वीर से जोड़ रहे हैं। लेकिन हमारी नजर में ऐसा कुछ कहना जल्दबाजी ही है। आंकड़ों के आधार अगर विश्लेषण करेंगे तो तस्वीर ज्यादा स्पष्ट दिखेगी। कुल दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था। इनमे से बीजेपी के पास यू पी की नूरपुर और उत्तराखंड की थराली सीट थी। इसके अलावा पंजाब की शाहकोट सीट उसकी सहयोगी अकाली दल के पास थी। बीजेपी ने इनमे से थराली सीट जीत ली है। नूरपुर में उसे नुक्सान हुआ है और वहां सपा जीती है। जबकि शाहकोट में अकाली दल हार गया है।
PunjabKesari
शेष सीटों में से कांग्रेस,जेएमएम, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने अपनी ही सीटें बचाई है। बिहार में लालू की पार्टी ने नीतीश कुमार के जेडीयू से एक सीट छीनी है। ऐसे में अगर कायदे से देखा जाए तो बीजेपी ने विधानसभा की सिर्फ एक सीट खोई है नूरपुर उत्तर प्रदेश की। चूंकि पंजाब में अभी कांग्रेस सरकार है लिहाजा वहां इसे कांग्रेस से ज्यादा सत्ताधारी दल की जीत कहा जाना चाहिए। अब लोकसभा की बात करते हैं। चार सीटों पर चुनाव हुआ। महाराष्ट्र की पालघर, भंडारा गोंडिय़ा , यू पी की किरैना और नगालैंड। इनमे से तीन बीजेपी के पास थीं और एक उसकी सहयोगी एनडीपीपी के पास। इनमे से बीजेपी ने दो हार दी हैं। भंडारा गोंडि़आ सीट पर एनसीपी उम्मीदवार जीता है जबकि केराना में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार रालोद की तबस्सुम ने बीजेपी की मृगांका सिंह को हराया है। कुलमिलाकर बीजेपी को विधानसभा की एक और लोकसभा की दो सीटें खोई हैं। यह कोई बड़ा संकेत 2019 के लिए है , यह मानना अभी जल्दबाजी होगी।
PunjabKesari
योगी को चिंता की जरूरत
चूंकि उत्तर प्रदेश में अपनी ही सरकार में बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा की दोनों सीटें गंवाई हैं। लिहाजा यह योगी आदित्यनाथ के लिए जरूर चिंता का विषय है। इससे पहले योगी अपनी घर की लोकसभा सीट गोरखपुर और फूलपुर पर भी हारका स्वाद चख चुके हैं। यानी सत्ता पाने केएक साल के भीतर ही योगी लोकसभा और विधानसभा की चार सीटें हार चुके हैं। यह निश्चित ही बड़ा झटका है। इसपर योगी को मंथन करना ही होगा अन्यथा बीजेपी हाईकमान को हस्तक्षेप करना होगा। लगातार हार उनके नेतृत्व की क्षमताओं पर भी सवाल खड़े करती है।
PunjabKesari
यह भी हो सकता है
किरैना सीट पर जीत से राष्ट्रीय लोकदल यानी रालोद का फिर से पुनर्जन्म हुआ है। लोकसभा चुनाव 2014 में उसके सुप्रीमो अजित सिंह अपनी सीट बागपत भी नहीं बचा पाए थे और उसका सफाया हो गया था। विधानसभा में महज एक विधायक जीता था और वो भी बीजेपी में चला गया था। ऐसे में रालोद को यह जीत जरूर संजीवनी देगी। लेकिन इसका दूसरा मतलब यह भी है कि बीजेपी के खिलाफ एक होने की कवायद में लगे  विपक्ष को आपस में ज्यादा सीटें बांटनी होंगी। कांग्रेस, सपा , बसपा के बीच अब एक और दावेदार आ गया है -रालोद। इस जीत के बाद निश्चित तौर पर अजित सिंह जाट लैंड में ज्यादा सीटें मांगेंगे। ऐसे में यह तय है कि सीट बंटवारे को लेकर खींचातानी होगी। कोई बड़ी बात नहीं कि यह खींचातानी गठबंधन पर भारी पड़ जाए। पता चला अजित सिंह ही मौका ताड़ बीजेपी से मिल गए। उनका अतीत ऐसी संभावनाओं की गवाही भी देता है। वे सुविधानुसार इधर-उधर डोलते रहते हैं। उधर तृणमूल,वामदल, झामुमो , आरजेडी और एनसीपी भी ताजा नतीजों की ताकत के बाद ज्यादा मोलभाव करेंगे। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा की महागठबंधन कैसे कैसे होता है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!