Edited By Anil dev,Updated: 04 Jul, 2019 10:44 AM
मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट कैसा होगा? इस पर सब की निगाहें लगी हैं। चुनौतियां कई हैं। विकास दर झटके खा रही है। निवेश बढ़ाना है। रोजगार सृजित करने हैं और लोगों की भावनाओं तथा जरूरतों का भी ख्याल रखना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए...
नई दिल्ली: मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट कैसा होगा? इस पर सब की निगाहें लगी हैं। चुनौतियां कई हैं। विकास दर झटके खा रही है। निवेश बढ़ाना है। रोजगार सृजित करने हैं और लोगों की भावनाओं तथा जरूरतों का भी ख्याल रखना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए भी यह पहला बजट होगा, जो वह शुक्रवार को संसद में पेश करेंगी।
ढलान पर अर्थव्यवस्था
नोटबंदी और जी.एस.टी. के बाद से अर्थव्यवस्था ढलान पर है। आवश्यक शुद्ध निवेश पर निर्भर सकल निर्धारित पूंजी निर्माण में 3.6 फीसदी की बड़ी गिरावट है। विकास दर को लेकर आए पूर्वानुमान भी अधिक उत्साहवर्धक नहीं हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मार्च में खत्म हुई आखिरी तिमाही में विकास दर पिछली 20 तिमाहियों में सबसे कम 5.8 फीसदी रही। बजट में निवेश बढ़ाने के लिए उपायों पर सबकी नजर रहेगी।
बढ़ती बेरोजगारी
नैशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के सावधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार वित्तवर्ष-18 में देश में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी पर पहुंच गई। यह 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है। ग्रामीण क्षेत्र में यह दर 5.3 फीसदी और शहरी में 7.8 फीसदी तक रही। ङ्क्षचता की बात यह है कि शिक्षित वर्ग में बेरोजगारी तेेजी से बढ़ी है। बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों की उम्मीद युवा कर रहे हैं।
चुनावी वायदे
किसान की बात
घोषणापत्र में किसानों को एक लाख रुपए तक का ब्याजमुक्त कर्ज के वायदे पर इस बजट में क्या अमल होगा। अभी किसानों को इस पर 7 फीसदी ब्याज देना होता है। इसके लिए बजट में 49,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी होगी।
थोड़ा मीठा हो जाए
घोषणापत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हर परिवार को हर महीने एक किलोग्राम चीनी 13 रुपए प्रति किलो के रेट पर देने का वादा है। इसके लिए बजट में हर साल 78,000 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी।
उद्यमियों के लिए ऋण और बीमा लाभ
व्यवसायियों के लिए 10 लाख रुपए तक का एक्सिडैंटल बीमा लाभ। इंटरप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए नए महिला उद्यमियों को 50 प्रतिशत और पुरुषों को 25 प्रतिशत की सरकारी गारंटी पर 50 लाख तक का ऋण।
सेहत का ख्याल
चुनाव में आयुष्मान भारत योजना के विस्तार का भी वायदा है। सभी आशा और आंगनबाड़ी वर्कर भी इसके दायरे में आएंगे। 50 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाया जाएगा।