Edited By vasudha,Updated: 21 Mar, 2021 04:49 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के बाद बंगाल के बांकुरा की रैली में हुंकार भरी। उन्होंने अपने संबाेधन में कहा कि मुझे याद है, जब मैं लोकसभा चुनाव के समय आपका आशीर्वाद मांगने आया था, तो यहां दीदी ने रैली ग्राउंड तक आने वाले सारे रास्ते बंद करवा दिए...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के बाद बंगाल के बांकुरा की रैली में हुंकार भरी। उन्होंने अपने संबाेधन में कहा कि मुझे याद है, जब मैं लोकसभा चुनाव के समय आपका आशीर्वाद मांगने आया था, तो यहां दीदी ने रैली ग्राउंड तक आने वाले सारे रास्ते बंद करवा दिए थे, टेंट हाउस से कुर्सियां तक न मिलें इसके लिए पुलिस को लगाया था। बांकुरा की ये तस्वीर साक्षी है कि बंगाल के लोगों ने ठान लिया है- 2 मई, दीदी गई।
ममता पर बोला हमला
पीएम माेदी ने कहा कि आज जब मैं बांकुड़ा आया हूं, तो यहां रामपाड़ा के बहनों और भाइयों को भी विशेष तौर पर राम राम कहूंगा। रामपाड़ा की चर्चा आजकल पूरे देश में है। रामपाड़ा में आप राम पुकारेंगे तो हर घर से राम निकलेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में दीदी के लोग दीवार पर तस्वीरें बना रहे हैं। तस्वीरों में दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं। मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही हैं। आप बंगाल के संस्कार और यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हो दीदी? ये बंगाल तो देश को दिशा देने वाला है।
मैं बंगाल के सपनों को लात नहीं मारने दूंगा: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री पर हमला जारी रखते हुए कहा कि दी अगर आप चाहती हैं तो आप अपना पैर मेरे सर पर रख सकती हैं, मुझे लात मार सकती हैं। लेकिन दीदी मेरी दूसरी बात भी कान खोलकर सुन लीजिए। मैं आपको अब बंगाल के विकास को लात नहीं मारने दूंगा। मैं आपको बंगाल के सपनों को लात नहीं मारने दूंगा।
दीदी ने असली चेहरा 10 साल पहले दिखा दिया: पीएम मोदी
मोदी ने आगे कहा कि तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति ने आपको क्या बना दिया है। आपने अपना ये असली चेहरा 10 साल पहले दिखा दिया होता तो बंगाल में कभी आपकी सरकार नहीं बनती। ये हिंसा, ये अत्याचार, ये उत्पीड़न ही करना था तो फिर मां-माटी-मानुष की बात क्यों की आपने। उन्होंने कहा कि मैं जितना दीदी से आपके सवाल पूछता हूं, उतना वो मुझ पर गुस्सा करती हैं। अब तो कह रही हैं कि उनको मेरा चेहरा भी पसंद नहीं है। अरे दीदी, लोकतंत्र में चेहरा नहीं, जनता की सेवा, जनता के लिए किया गया काम कसौटी पर होता है।