अफसरशाही में बड़े सुधार की तैयारी: सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे निजी क्षेत्र के लोग

Edited By Anil dev,Updated: 20 Jun, 2019 08:49 AM

narendra modi government scheme officer

दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव दौरान किए गए वायदों को पूरा करना और सरकार की योजनाओं का धरातल पर आम जनता को फायदा पहुंचाने की है और यह काम अफसरशाही के बिना नहीं हो सकता लेकिन देश में इस समय...

जालन्धर(नरेश): दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव दौरान किए गए वायदों को पूरा करना और सरकार की योजनाओं का धरातल पर आम जनता को फायदा पहुंचाने की है और यह काम अफसरशाही के बिना नहीं हो सकता लेकिन देश में इस समय निर्धारित पोस्टों में से 11.36 फीसदी पोस्टें खाली हैं। लिहाजा लेटरल एंट्री के जरिए शीर्ष स्तर पर नियुक्तियां कर सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की योजना बनाई गई है। इसी योजना तहत अप्रैल में संयुक्त सचिव स्तर की 9 नियुक्तियां की गई थीं। ये नियुक्तियां सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए आवेदन मांग कर की थीं। इस प्रक्रिया के तहत निजी क्षेत्र में अनुभव रखने वाले लोगों को सरकार के साथ काम करने का मौका दिया जा रहा है। 

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गौरतलब है कि 31 मार्च, 2016 तक के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में गजटेड और नॉन गजटेड अफसरों को मिलकार कुल 4,12,752 पोस्टें खाली पड़ी हैं। इनमें से ग्रुप-ए के गजटेड अफसरों की 15,284 पोस्टें खाली हैं जबकि ग्रुप-बी के 26,310। इसी ग्रुप के नॉन गजटेड अफसरों की 49,740 व ग्रुप-सी के नॉन गजटेड अफसरों की 3,21,418 पोस्टें खाली हैं। इन खाली पोस्टों के कारण ही सरकार की योजनाएं सही तरीके से आम जनता तक नहीं पहुंच पातीं।

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पिछले साल शुरू हुई प्रक्रिया
मोदी सरकार ने पिछले साल ज्वाइंट सैक्रेटरी लैवल की 10 पोस्टें निकाल कर यह प्रयोग शुरू किया था। इन 10 पोस्टों के लिए निजी क्षेत्र के 6,000 लोगों ने आवेदन किया था और बाद में ये 10 नियुक्तियां की गई थीं। इसी से उत्साहित होकर अप्रैल में 9 अन्य नियुक्तियां की गई हैं। 40 साल से ज्यादा की आयु के 15 साल का अनुभव रखने वाले लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। नियुक्तियों तहत लोगों के विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव को ध्यान में रखते हुए उनका इंटरव्यू भी होता है और उनके अनुभव की परीक्षा भी होती है।
 

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सरकार को क्यों पड़ी जरूरत 
दरअसल केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिनको अमलीजामा पहनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी लोगों की जरूरत है। सरकार प्रक्रिया के जरिए बड़ी पोस्टों पर पहुंचने वाले आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अफसरों को प्रशासन और प्रबंधन का लम्बा अनुभव होता है लेकिन उन्हें विभिन्न क्षेत्रों की बहुत ज्यादा जानकारी नहीं होती। लिहाजा सरकारी योजनाओं को अमल में लाने के लिए अब विभिन्न क्षेत्रों के माहिर नियुक्त किए जा रहे हैं। सरकार ने डिप्टी सैक्रेटरी लैवल और डायरैक्टर लैवल पर 400 माहिरों की नियुक्तियां करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बारे प्रधानमंत्री कार्यालय तहत काम करने वाला परसोनल एंड ट्रेनिंग विभाग लगातार कार्य कर रहा है। निजी क्षेत्र से आने वाले यही 400 माहिर आने वाले दिनों में नीति निर्माण के काम में जुटेंगे। 

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