Edited By vasudha,Updated: 26 Dec, 2020 02:05 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के करोड़ों लोगों को खास तोहफा दिया। पीएम ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सेहत की शुरुआत की। इस योजना के लागू होते ही यहां के लोगों को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिलेगा...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के करोड़ों लोगों को खास तोहफा दिया। पीएम ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सेहत की शुरुआत की। इस योजना के लागू होते ही यहां के लोगों को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि देश का कोई भी क्षेत्र विकास की धारा से अब वंचित नहीं रहेगा। इस दौरान उन्हाेंने देश के विकास में घाटीे के लोगों की भागीदारी से लेकर DDC चुनावों का भी जिक्र किया
देश के साथ चल रहा जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर अब देश के विकास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है, कोरोना को लेकर भी जिस तरह यहां काम हुआ है वो प्रशंसनीय है। जम्मू-कश्मीर में हेल्थ सेक्टर पर आज जितना ध्यान दिया जा रहा है उतना पहले कभी नहीं दिया गया
कोरोना काल में यहां का काम प्रशंसनीय
जम्मू-कश्मीर में कोरोना को लेकर भी जिस तरह राज्य में काम हुआ है वो प्रशंसनीय है। मुझे बताया गया है कि 3,000 से ज्यादा डॉक्टर, 14,000 से ज्याद पैरामेडिकल स्टाफ, आशा कार्यकर्ता दिन रात जुटे रहे और अब भी जुटे हुए हैं।
डेढ़ करोड़ लोगों को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ
बीते दो सालों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी मुश्किल समय में बहुत राहत मिली है। यहां के करीब 1 लाख गरीब मरीजों का अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया गया है।
शौच से मुक्त हो चुके हैं कई गांव
गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है। जम्मू कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।
लोगों के स्वास्थ्य में सुधार की कोशिश
कोरोना के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख सिलेंडर रिफिल कराए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा शौचालय बनाए गए। लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है।
राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में फर्क
कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर है इस बात से ही पता चलता है। कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं। आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था।लेकिन वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है।
परिवर्तन संभव है
आज हम लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल हुए हैं कि परिवर्तन संभव है। और परिवर्तन उनके चुने हुए प्रतिनिधि ला सकते हैं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र लाकर हम लोगों की आकांक्षाओं को अवसर दे रहे हैं।
महात्मा गांधी का सपना हुआ पूरा
महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का नारा दिया था, हमने उनके सपने को पूरा किया। हम जम्मू-कश्मीर में सरकार का हिस्सालेकिन हमने उस सरकार का साथ छोड़ दिया क्योंकि हम पंचायती राज की संस्थाओं को मजबूत करना चाहते थे. हम चाहते थे कि पंचायती राज संस्थानों के लिए चुनाव हों, हमने जनता के लिए कुर्सी छोड़ी।