किसानों से बातचीत के बाद बोले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, हम ठोस सुझाव चाहते हैं

Edited By Yaspal,Updated: 05 Dec, 2020 09:04 PM

narendra singh tomar said we want concrete suggestions

सरकार और किसान संगठनों की शनिवार को हुई पांचवें दौर की बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने किसान संगठनों को नौ दिसंबर को अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है जिसे किसानों ने मान लिया है। बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और...

नेशनल डेस्कः सरकार और किसान संगठनों की शनिवार को हुई पांचवें दौर की बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने किसान संगठनों को नौ दिसंबर को अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है जिसे किसानों ने मान लिया है। बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल के अलावा चालीस किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान संगठन इस पर कायम हैं। बंद को कई ट्रेड यूनियन संगठनों और राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।

सुझावों से होगा समाधान
कुछ किसान नेताओ ने कहा कि सरकार ने कुछ लचीला रुख अपनाया है लेकिन वे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। लगभग पांच घंटे तक चली बैठक के बाद तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के हितो की रक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। एपीएम सी का विषय राज्यों से संबद्ध है और केंद्र सरकार इसे और मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसान नेता कुछ सुझाव देते तो समस्या का समाधान करना आसान हो जाता। उन्होंने कहा कि छह साल के मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए गए जिससे किसानों की आय बढ़ी।
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तोमर ने गिनाए मोदी सरकार के काम
कृषि बजट बढ़ाया गया , कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया, फसलों की खरीद बढ़ीऔर नई तकनीकों को अपनाया गया। किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। कृषि आधारभूत संरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान जबतक प्रसंस्करण से नहीं करेंगे तबतक उन्हें फसलों का अच्छा मूल्य नहीं मिलेगा।

कृषि कानून रद्द करे सरकार
किसान नेता पाल कारण सिंह बराड़ ने कहा कि बैठक के दौरान सरकार ने जो दलील दी उसे खारिज कर दिया गया। किसानों ने जोर देकर कहा कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करें। सरकार ने तीनों कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। बातचीत शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर भी एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें तोमर और गोयल के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली।

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