भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार का एक्शन, 15 वरिष्ठ अधिकारियों को समय से पहले किया रिटायर

Edited By Anil dev,Updated: 18 Jun, 2019 04:47 PM

narinder modi amit shah etired employees

मोदी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन लेते हुए 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से  रिटायरमेंट दे दिया है। ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के...

नई दिल्ली:  मोदी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्ट अधिकारियों पर एक्शन लेते हुए 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से  रिटायरमेंट दे दिया है। ये 15 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के हैं। इन अधिकारियों को  ऑर्टिकिल 56 के तहत रिटायरमेंट दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जिन अधिकारियों को कार्यमुक्त किया गया है उनमें प्रधान कमिश्नर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। माना जा रहा है कि ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा आलसी और न के बराबर काम करने वाले अधिकारियों को सेवामुक्त करना है। रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने खराब परफॉर्मेंस वाले अधिकारियों की लिस्ट भी बनाई है।

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सरकार ने जिन 15 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी पर उन पर कंपनियों से वसूली और कर चोरी आदि से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप है। कुछ अधिकारियों के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है...

 

दिल्ली में पदस्थ प्रधान आयुक्त अनूप श्रीवास्तव

  • (भ्रष्टाचार के छह गंभीर मामले हैं जिनमें से दो की जांच सीबीआई कर रही है)
     

दिल्ली में पदस्थ अमरेष जैन

  • (सीबीआई की जांच चल रही है)


निलंबित संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार

  • (सीबीआई दो मामले की जांच कर रही है)
     

निलंबित आयुक्त अतुल दीक्षित

  • (भ्रष्टाचार के दो गंभीर मामले हैं और इनकी भी जांच सीबीआई कर रही है)
     

कोलकाता में पदस्थ आयुक्त संसार चंद

  • (भ्रष्टाचार के दो मामले हैं। एक मामले में सीबीआई ने रिश्वत लेने हुए रंगे हाथों संसार चंद को गिरफ्तार किया था)
     

कोलकाता के पदस्थ अतिरिक्त आयुक्त अशोक आर महिदा

  • (भ्रष्टाचार के दो मामले हैं जिनमें से एक मामले में सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए उनको गिरफ्तार किया था जबकि दूसरे मामले की सीबीआई जांच जारी है)
     

चेन्नई में पदस्थ आयुक्त जी हर्षा

  • (रिश्वत लेते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार हो चुके हैं, भ्रष्टाचार के दो गंभीर मामले हैं जिनकी सीबीआई जांच चल रही है)

 

निलंबित आयुक्त विनय ब्रिज सिंह

  • (रिश्वत के गंभीर आरोप हैं और मामले को सीबीआई को भेजा जा चुका है)
     

नागपुर में पदस्थ अतिरिक्त आयुक्त विरेन्द्र कुमार अग्रवाल

  • (सीबीआई एक मामले की जाँच कर रही है।उनके विरूद्ध दो और मामले भी चल रहे हैं)
     

निलंबित सहायक आयुक्त एस एस पबना

  • (राजस्व खुफिया निदेशालय की जांच चल रही है)

 

भुवनेश्वर में पदस्थ सहायक आयुक्त एस एस बिष्ट

  • (रिश्वत लेने के आरोप हैं और इस संबंध में उनके विरूद्ध मामला दर्ज है)

 

मुंबई में पदस्थ सहायक आयुक्त विनोद कुमार सांगा

  • (भ्रष्टाचार के दो मामले हैं और एक मामले राजस्व खुफिया निदेशालय की जांच जारी है)
     

विशाखापत्तनम में पदस्थ अतिरिक्त आयुक्त राजू सेकर

  • (भ्रष्टाचार के तीन मामले हैं जिनमें से दो सीबीआई के पास है)


दिल्ली में पदस्थ उपायुक्त अशोक कुमार असवाल

  • (सीबीआई की जांच चल रही है। इलाहाबाद में पदस्थ सहायक आयुक्त मोम्मद अल्ताफ पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं)

 

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