मोदी और इतिहास: क्या अजीबो-गरीब भाषण देने के आदी हैं PM मोदी?

Edited By Anil dev,Updated: 09 May, 2019 11:38 AM

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पिछले लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन और विदेशों से काला धन वापस लाने के मुद्दे ने पूरे देश को मोदी लहर में जकड़ लिया था। मोदी कहीं भी भाषण में तथ्यों के बगैर कुछ भी कह देते थे तो जानकार उन्हें नजरअंदाज कर देते थे। जिन्हें तथ्यों का ज्ञान नहीं था उनके...

इलैक्शन डैस्क (सूरज ठाकुर): पिछले लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन और विदेशों से काला धन वापस लाने के मुद्दे ने पूरे देश को मोदी लहर में जकड़ लिया था। मोदी कहीं भी भाषण में तथ्यों के बगैर कुछ भी कह देते थे तो जानकार उन्हें नजरअंदाज कर देते थे। जिन्हें तथ्यों का ज्ञान नहीं था उनके लिए मोदी का कहा पत्थर की लकीर होती थी। हाल ही में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर जो बयान दिया उससे वह उपेक्षा का शिकार हो गए। उन्होंने ऐसा क्यों किया यह देश के आगे बड़ा सवाल है। क्या वाकई पी.एम. मोदी अजीबो-गरीब बयान देने के आदी हैं? आज हम आपको 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के तथ्यविहीन बयानों की याद ताजा करवाने जा रहे हैं। बिहार में हुंकार रैली में उन्होंने कहा था कि सिकंदर की सेना ने पूरी दुनिया पर जीत हासिल की लेकिन बिहारियों से हार गई थी, यही कारण है कि वे इस देश की ताकत हैं। 

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एक रुपए की कीमत एक डॉलर
मोदी ने कहा था कि 1947 में एक रुपए की कीमत एक डॉलर के बराबर थी जबकि हकीकत यह है कि उस समय रुपए को पौंड में कनवर्ट किया जाता था और एक रुपया 30 सेंट के बराबर हुआ करता था। एक अन्य भाषण में लोगों को ज्ञान बांटते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि तक्षशिला बिहार में है। वह शायद यह नहीं जानते थे कि तक्षशिला बिहार में नहीं पाकिस्तान में है। नवम्बर 2013 में एक रैली में तो हद ही हो गई जब मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन लाल करमचंद गांधी बताया। राष्ट्रपिता का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। 

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नीतीश ने सुधारी गलती
मोदी के भाषण में दिए गए इस अजीब से वक्तव्य ने इतिहास की टांग को तोड़-मरोड़ ही डाला था। उनकी इस गलती को नीतीश कुमार ने अपनी रैलियों में सुधारा। उन्हें स्पष्ट करना पड़ा था कि सिकंदर की आर्मी ने कभी गंगा नदी को पार नहीं किया और उन्हें बिहारियों ने नहीं हराया था। सही तथ्य तो यह है कि सिकंदर ने आखिरी युद्ध पोरस पौरव साम्राज्य के खिलाफ  लड़ा था। सिकंदर ने गंगा नदी को नहीं जेहलम नदी को पार किया था।  पंजाब में जेहलम से लेकर चिनाब नदी तक राजा पोरस या पुरुवास का राज्य था। इसकी राजधानी मौजूदा लाहौर के आस-पास थी। राजा पोरस पोरवा के वशंज थे। उनका साम्राज्य वर्तमान पंजाब में जेहलम और चिनाब नदियों तक (ग्रीक में हाइडस्पेश और एसीसैंस) था। पोरस का कार्यकाल 340 ईसा पूर्व से 315 ईसा पूर्व के बीच माना जाता है।
    
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15 अगस्त का भाषण लाल दरवाजे से     
बेंगलूर में एक रैली में मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री 15 अगस्त का भाषण लाल दरवाजे से देते हैं। खैर अब तो पी.एम. बनने के बाद मोदी को पता चल ही गया होगा कि 15 अगस्त का भाषण लाल किले से दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि लाल दरवाजा भी एक ऐतिहासिक स्थल है जो पुरानी दिल्ली में ही स्थित है।  बहरहाल हमने आपको यह बताने का प्रयास किया है कि पी.एम. मोदी बिना तथ्यों के कई बार ऐसी बातें बोल देते हैं जिन्हें एक तबका बिल्कुल नजरअंदाज कर देता है। मीडिया में ऐसी बातें उजागर होने पर पी.एम. मोदी ने कभी सफाई भी नहीं दी। उक्त सभी भाषणों के अंश 2014 लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा की रैलियों से लिए गए हैं। 

पटेल के बारे में भी जानकारी गलत
महाराष्ट्र में भाषण में मोदी ने कहा था कि 1960 से लेकर अब तक यहां 26 मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली है जबकि तथ्य यह है कि 26 बार 17 नेताओं ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसी दौरान गुजरात में 14 नेताओं ने 27 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। एक अन्य भाषण में मोदी ने कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अहमदाबाद के म्यूनिसीपैलिटी में 1919 में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा था जबकि इतिहास गवाह है कि उन्होंने 1926 में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा था।

          

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