नेशनल हेराल्ड: सोनिया-राहुल गांधी को झटका, SC ने कहा- जारी रहेगी IT की जांच

Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Dec, 2018 03:08 PM

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सुप्रीम कोर्ट ने आज नेशनल हेराल्ड प्रकरण के सिलसिले मे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के 2011-12 के टैक्स निधारण मामलों को फिर से खोलने की अनुमति आयकर विभाग को दे दी।

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज नेशनल हेराल्ड प्रकरण के सिलसिले मे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के 2011-12 के टैक्स निधारण मामलों को फिर से खोलने की अनुमति आयकर विभाग को दे दी। हालांकि कोर्ट ने आयकर विभाग को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई में अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में दोनों नेताओं की याचिका लंबित होने के दौरान अमल नहीं करने का निर्देश दिया है।
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न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसके साथ ही इस मामले को अगले साल 8 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने यह भी कहा कि वह इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की याचिकाओं को लेकर अभी अपनी कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है। टैक्स संबंधी यह मामला नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ा है जिसमें कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई चल रही है। आयकर विभाग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कोर्ट को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ कर निर्धारण आदेश पर अमल करने से आयकर विभाग को नहीं रोका जाना चाहिए। उनका कहना था कि कोर्ट को मामले की सुनवाई करके उचित आदेश पारित करना चाहिए। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाण्डीज ने दिल्ली हाईकोर्ट के 10 सितंबर के फैसले को चुनौती दे रखी है। हाईकोर्ट ने वर्ष 2011-12 के कर निर्धारण को फिर से खोलने के आयकर विभाग के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थीं।​​​​​​​
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
नेशनल हेरल्ड अखबार से जुड़ा है जिसकी स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी। उस समय से यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता रहा। अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी 'एजेएल' के पास था जो दो और अखबार भी छापा करती थी। हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज'। आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया।
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कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपए की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था, यानि पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद 5 लाख रुपए से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है. बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है। इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपए के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को  दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हुए।
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इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया, यानी कि 'यंग इंडियन' को मुफ्त में टीएजेएल का स्वामित्व मिल गया। इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। भाजपा सांसद ने तीनों कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ याचिका डाली थी जिसम पर अब तक सुनवाई जारी है।

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