Edited By Anil dev,Updated: 11 Nov, 2020 12:30 PM
बिहार की सियासी पिच पर टी-20 की तर्ज पर हुए सांस रोक देने वाले मुकाबले में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग ने बिहार में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल हासिल कर लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत...
नेशनल डेस्क: बिहार की सियासी पिच पर टी-20 की तर्ज पर हुए सांस रोक देने वाले मुकाबले में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग ने बिहार में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल हासिल कर लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि विपक्षी महागठबंधन ने 110 सीटें जीतीं। वहीं अगर बिहार विधान सभा चुनाव में बात लोक जनशक्ति पार्टी की करें तो उन्होंने चिराग पासवान ने खुद हारकर भाजपा की झोली में बड़ी जीत डाल दी है।
चिराग पासवान ने पहुंचाया जदयू को सीधा नुकसान
दरअसल 15 साल से लगातार बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और जनता को सरकार से जो थोड़ी बहुत नाराजगी थी। ऐसे में वोटर्स महागठबंधन के पक्ष में जा सकते हैं थे, लेकिन लोजपा ने इन वोटों को महागठबंधन में जाने से रोका। इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी ने दो दर्जन से अधिक सीटों पर जदयू को सीधा नुकसान पहुंचाया और इसका फायदा बीजेपी को हुआ, जो एनडीए की नंबर एक पार्टी बन गई।
विलेन बनकर रह गए चिराग पासवान
एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान विलेन बनकर रह गए। हालांकि चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजय करार दिया और कहा कि लोगों ने उन पर भरोसा जताया है। लोजपा ने चुनाव में केवल एक सीट जीती है और कई सीटों पर जदयू को हराने में भूमिका निभाई है। लोजपा ने बिहार विधानसभा में 140 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये थेे। दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों में मिली जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि बिहार के मतदाताओं ने जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण की राजनीति को खारिज कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट््वीट कर कहा कि देशभर के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और केंद्र व राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी नीतियों पर मुहर लगाई है।