दिवाली से पहले देश में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, एक गलती पूरे देश पर पड़ेगी भारी!

Edited By Anil dev,Updated: 11 Nov, 2020 04:13 PM

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पूरे देश में जब कोरोना महामारी के कहर पर ब्रेक लगने लगी है, तब दिल्ली समेत कुछ राज्यों में दीवाली से पहले तीसरी लहर आने का डर बढऩे लगा है।  वहीं कोरोना काल में मामलों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंद्रह दिन के लिए सभी शैक्षणिक...

नेशनल डेस्क: पूरे देश में जब कोरोना महामारी के कहर पर ब्रेक लगने लगी है, तब दिल्ली समेत कुछ राज्यों में दीवाली से पहले तीसरी लहर आने का डर बढऩे लगा है।  वहीं कोरोना काल में मामलों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंद्रह दिन के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है। सात दिसंबर से 11 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को सुझाव भेजा जाएगा। संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यहां मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि 11 नवंबर से 25 नवंबर तक शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। दूसरी तरफ कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 31 दिसंबर तक स्कूलों के बंद रहने के आदेश दिए हैं। कोरोना के खौफ को भूलकर हजारों लोग जिस तरह बाजारों में दिवाली से पहले खरीदारी करने में जुट रहे हैं, इससे कोरोना का खतरा बढऩे की आंशका है। 

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राजधानी में कोरोना की सबसे बुरी लहर 
आंकड़े भी इसी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि देश की राजधानी कोरोना की सबसे बुरी लहर से जूझ रही है।  रविवार को रिकॉर्ड 7,745 नए मामले दर्ज किए गए, वह भी सिर्फ 50,754 टेस्‍ट में। यानी दिल्‍ली में पॉजिटिविटी रेट 15.2 प्रतिशत हो गया है। दिल्‍ली में नवंबर के महीने में कोविड मामलों में खासा उछाल देखा गया है। बाकी देश में कोरोना का प्रकोप घट रहा था लेकिन वहां भी पिछले हफ्ते (1-8 नवंबर) में केसेज में थोड़ा उछाल आया है। इस दौरान करीब सवा तीन ताजा मामले दर्ज किए गए जो कि उससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले करीब 6 हजार केस ज्यादा हैं।  दिल्‍ली में पिछले तीन दिन के भीतर नए केसेज ने दूसरी बार 7,000 का आंकड़ा पार किया है। इस दौरान 77 मरीजों की मौत हुई। दिल्‍ली का ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट 8.6 प्रतिशत है जबकि फैटलिटी रेट 1.6 प्रतिशत है। यहां करीब 42 हजार मामले ऐक्टिव हैं। जिस तरह दिल्ली में केसों की सख्यां बढ रही है माता- पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने का कभी जोखिम नहीं लेंगे। 

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लापरवाही पड़ सकती है भारी
वहीं, दिल्ली में बढ़ते मामलों पर विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे बाजारों और दुकानों पर लोगों का आना-जाना काफी बढ़ गया है और सुरक्षा मानदंडों का पालन करने में लापरवाही के कारण कोरोना के मामले तेजी से बढ़ गए हैं। महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए अन्यथा यह कोरोना की लहर का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन, स्कूल-कॉलेज खुलने, सर्दी और प्रदूषण के चलते इसकी दूसरी लहर आ सकती है।

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सर्दियों में ज्यादा खतरा
 विशेषज्ञों का कहना ​​है सर्दियों में तीसरी लहर आ सकती है, इसलिए लोगों को बहुत सतर्क रहना होगा, मास्क पहनना होगा, सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी और खुद को सुरक्षित रखने के लिए बार-बार हाथ धोना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में मौसमी बीमारियों, स्वाइन फ्लू, डेंगू, सर्दी और खांसी, प्रदूषण आदि के मामलों में वृद्धि होगी। जो गंभीर है और अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, तो कोरोना के मामले निश्चित रूप से बढ़ जाएंगे। अगर लोग मास्क पहनते हैं और एक महीने तक अनुशासन बनाए रखते हैं तो कोरोना चेन टूट सकती है।

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कोरोना के डर के कारण कईं राज्यों में पटाखों पर बैन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी और वायु प्रदूषण की दोहरी समस्याओं के चलते दिल्ली समेत कई राज्यों ने इस त्योहारी सीजन में पटाखे फोडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया है। जहां कुछ राज्यों ने इस दीपावली पर पटाखे फोडऩे पर टोटल बैन (पूर्ण पाबंदी) की घोषणा की है, अन्य राज्यों ने केवल आयातित पटाखों के इस्तेमाल पर ही पाबंदी लगाई है। इस बीच कुछ अन्य राज्यों में कथित तौर पर इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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