फेमस होने के लिए selfie प्वाइंट बना बाबा का ढाबा, खाना खरीदने की बजाए फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं लोग

Edited By Anil dev,Updated: 29 Oct, 2020 11:28 AM

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दिल्ली के मालवीय नगर में स्थित बाबा का ढाबा तो आपको याद ही होगा जिसमें 80 साल के बुजुर्ग दंपति बाबा कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादाम देवी का वीडियो वायरल होने पर कईं लोग उनकी मदद के लिए आए थे। हालांकि यहां अब उतनी भीड़ नहीं है जितनी सोशल मीडिया पर...

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मालवीय नगर में स्थित बाबा का ढाबा तो आपको याद ही होगा जिसमें 80 साल के बुजुर्ग दंपति बाबा कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादाम देवी का वीडियो वायरल होने पर कईं लोग उनकी मदद के लिए आए थे। हालांकि यहां अब उतनी भीड़ नहीं है जितनी सोशल मीडिया पर वायरल होने के दौरान कुछ दिन रही थी। लोगों जहां आते हैं सेल्फी लेकर चले जाते हैं। बाबा का ढाबा पर खाना खाने वालों की तादाद काफी कम हो गई है। हालांकि ढाबे के सामने सेल्फी लेने वाले लोग अब भी देखे जा सकते हैं। कांता प्रसाद खुद सेल्फी लेने वालों से तंग आ गए हैं। कांता प्रसाद का कहना है कि सोशल मीडिया पर मदद का दावा करने वाले तमाम लोग सिर्फ बातें करके गायब हो गए। उन्हें असल में कोई विशेष मदद नहीं मिली है। 

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लॉकडाउन में पैसे पैसे को मौहताज हो गए थे बुजुर्ग दंपती 
आपको बतां दे कि इस ढाबे में सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करते है लेकिन लॉकडाउन के बाद बुजुर्ग दंपती अपने इस ढाबे से गुजारे भर के पैसे भी नहीं निकाल पा रहे थे। इसी दौरान एक फूड ब्लॉगर की नजर बाबा का ढाबा पर पड़ी जिसके बाद उन्होंने इसका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियो में बाबा रोते हुए दिखाई दे रहे है। उन्होंने बताया कि वह ढाबे में दिन में आधा किलो दाल बनाते है लेकिन वो भी नहीं बिक पाती। वीडियो में बुजुर्ग दंपत्ति मटर पनीर, चावल व दाल दिखाते हुए नजर आ रहा है। वही, ब्लॉगर ने लोगों से अपील की कि वह एक बार बाबा के ढाबे पर खाना खाने जरूर आएं।

वीडियो वायरल होते ही खाने वाले लोगों की लगी लाइन
ब्लॉगर द्वारा वीडियो शेयर करते ही बाबा के ढाबा में खाने वाले लोगों की लाइन लग गई है। बुजुर्ग के आंसू देखकर लोगों का दिल पसीज गया। चंद ही घंटों में बाबा का सारा खाना बिक गया। अपने ढाबे में अचानक इतनी भीड़ देख बाबा की आंखे खुशी से भर गई। ना सिर्फ लोगों ने बाबा के ढाबे के खाने का स्वाद चखा बल्कि उन्होंन बाबा को अलग से रुपए देकर उनकी मदद भी की। कुछ लोग बाबा के लिए दाल, चावल, आटे और खाने-पीने का अन्य सामान लेकर भी वहां पहुंच गए। बाबा कांता प्रसाद ने बताया कि वह साल 1988 से यह ढाबा चला रहे है। लॉक डाउन से पहले उनके ढाबे पर खाना बिक जाया करता था लेकिन लॉक डाउन में पहले तो ढाबा बंद रहा लेकिन लॉक डाउन खुलने के बाद उनका खाना कोई लेने का तैयार नहीं था। ऐसे हालात में उनका गुजारा करना काफी मुश्किल हो गया था।

दिल्ली में रहते हैं कांता प्रसाद
कांता प्रसाद अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते है। उनके परिवार में पत्नी बादाम देवी, बड़ी शादीशुदा बेटी सरोज के अलावा दो बेटे आजाद हिंद (37) और करण (27) है। बड़ा बेटा शादीशुदा है उसकी एक बेटी भी है। वहीं बेटी सरोज को उसके पति ने छोड़ा हुआ है वह अपने बच्चों समेत माता-पिता के साथ ही रहती है। लॉक डाउन में उनके बड़े बेटे की नौकरी चली गई। छोटा बेटा डिलीवरी मैन की नौकरी कर पांच-छह हजार रुपए कमाता है। ऐसे में पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन पर ही थी। बाबा अपनी पत्नी बादाम देवी के साथ सुबह छह बजे ढाबे पर पहुंच जाते हैं और रात 9 बजे तक काम करते हैं। आम लोगों की तरह कई बॉलीवुड सेलेब्स व नामी लोग बाबा की मदद करने के लिए आगे आए थे। 

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