26/11: आखिर क्या था 13 साल पहले का वो आतंकी हमला.. जिस पर मनीष तिवारी की किताब ने मचा दिया पूरे देश में बवाल

Edited By Anil dev,Updated: 23 Nov, 2021 02:20 PM

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी अपनी किताब में मनमोहन सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि 26/11 हमले के वक्त यूपीए सरकार ने वो कदम नहीं उठाए, जो उठाने चाहिए थे। मनीष तिवारी की किताब ने इस मामले को लेकर एक सियासी बवाल खड़ा कर दिया है।

मुंबई:  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी अपनी किताब में मनमोहन सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि 26/11 हमले के वक्त यूपीए सरकार ने वो कदम नहीं उठाए, जो उठाने चाहिए थे। मनीष तिवारी की किताब ने इस मामले को लेकर एक सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। तीन दिन बाद यानी 26 नवंबर को मुंबई हमले की 13वीं बरसी है। ऐसे में ये जानने के ज़रूरत है कि आखिर 26 नवंबर 2008 को आखिर हुआ क्या था?  मुंबई में हुए इतिहास के सबसे भयानक आतंकी हमले के जख्म आज भी लोगों के दिलों-दिमाग में ताजा हैं। 26/11/2008 को पाकिस्तानी आतंकियों ने ताज और ट्राइडेंट होटल के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हमला कर दिया था। आतंकियों ने लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से भारत की व्यावसायिक राजधानी में दाखिल हुए और 170 बेगुनाहों को बेरहमी से गोलियों से छलनी कर दिया था। इस हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए।
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9:30 बजे शुरू हुआ मौत का खेल
26 नंवबर 2008 को रात के तकरीबन 9:30 बजे थे। कोलाबा इलाके में आतंकवादियों ने पुलिस की दो गाड़ियों पर कब्जा किया। इन लोगों ने पुलिस वालों पर गोलियां नहीं चलाईं। सिर्फ बंदूक की नोंक पर उन्हें उतार कर गाड़ियों को लूट लिया। यहां से एक गाड़ी कामा अस्पताल की तरफ निकल गई जबकि दूसरी गाड़ी दूसरी तरफ चली गई। रात के लगभग 9 बजकर 45 मिनट हुए थे। तकरीबन 6 आतंकवादियों का एक गुट ताज की तरफ बढ़ा जा रहा था। उनके रास्ते में आया लियोपार्ड कैफे। यहां भीड़-भाड़ थी। भारी संख्या में विदेशी भी मौजूद थे। हमलावरों ने अचानक AK-47 लोगों पर तान दी। देखते ही देखते लियोपार्ड कैफे के सामने खून की होली खेली जाने लगी। बंदूकों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। लेकिन आतंकवादियों का लक्ष्य यह कैफे नहीं था। यहां गोली चलाते, ग्रेनेड फेंकते हुए आतंकी ताज होटल की तरफ चल दिए।

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ताज होटल बना सबसे बड़ा निशाना
ताज होटल में घुस कर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। रात के 9 बजकर 55 मिनट हो चुके थे। ताज से महज दो किलोमीटर दूर आतंकवादियों के दूसरे गुट ने कार्रवाई शुरू की। हमलावर सीएसटी स्टेशन यानी विक्टोरिया टर्मिनल के एक प्लेटफॉर्म पर पहुंच चुके थे। आतंकवादियों की संख्या तीन से ज्यादा थी। इन लोगों ने प्लेटफॉर्म पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड भी फेंके। आधे घंटे तक मौत का खेल चलता रहा। इसके बाद यहां मौजूद आतंकियों में से कुछ आतंकी जीटी अस्पताल पहुंच गए। वहां भी इन लोगों ने AK-47 का इस्तेमाल किया। रात के 10 बजे सीएसटी स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर दूर मझगांव में धमाका हुआ। यहां एक टैक्सी के परखच्चे उड़ गए थे। टैक्सी में बम रखा था।

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ताज के बाद ओबेरॉय होटल पर कब्जा
रात के तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट हो चुके थे। आतंकियों का वो ग्रुप जो होटल ओबेरॉय के लिए निकला था वो हरकत में आ गया। वो लोग तेजी से गोलीबारी करते हुए होटल के अंदर घुस गए। ये लोग 13वीं मंजिल पर पहुंचे। वहां इन लोगों ने कई लोगों को बंधक बना लिया। अंधाधुध गोलीबारी में कई लोगों को गोली लगी।

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आतंकियों से निपटने के लिए सुरक्षा बल, एनएसजी, एटीएस, मुंबई पुलिस के जवान चारों तरफ फैल गए। ऑपरेशन शुरू हो गया। होटल ताज, ओबेरॉय होटल, नरीमन भवन को आतंकियों के कब्जे से मुक्त करा लिया गया। ओबरॉय होटल से 50 ग्रेनेड मिले। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में 15 पुलिस अफसर-कर्मचारी और दो एनएसजी कमांडो भी शहीद हुए। मुंबई में हमला करने वालों में एक मात्र आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था जिसे 21 नंवबर 2012 में फांसी दी गई।

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