केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं गई।
नेशनल डेस्क: केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं गई। पुलिस की ओर से इतने अत्याचार के बाद भी सड़क पर डटे किसानों का हौंसला नहीं टूट सका। आंदोलन में डटे हर किसान की एक अपनी अलग कहानी है जो कभी रूलाती है तो कभी हैरान करती है।

अगले हफ्ते है बेटी की शादी
मीडिया से बातचीत के दौरान अमरोहा से आए किसान ने बताया कि अगले हफ्ते मेरी बेटी की शादी होने वाली है जिसकी सारी जिम्मेदारी पत्नी और बच्चों को सौंपकर यहां आया हूं। जहां आने से पहले मैं अपने घरवालों को कहकर आया था कि अगर हमें इस सघर्ष में ज्यादा दिन लग गए तो आप पीछे से बेटी की शादी कर लेना। आज मैं जो भी हूं, खेती के कारण हूं, इसलिए मेरा पहला धर्म यहां के लिए बनता है। शादी के सभी इंतजाम करवा दिए हैं। दोनों तरफ पूरी जिम्मेदारी है, जिसे मैं पूरे दिल से निभाने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने अपने घरवालों को कह दिया है यहां ज्यादा दिन लगे तो विडियो कॉल पर बेटी की शादी दिखा दें।

भतीजे की हुई मौत
वहीं बिजनौर से एक किसान ने बताया कि मैं यहां जैसे ही आ रहा था, वैसे ही घर से संदेश मिला कि भतीजे की मृत्यु हो गई है। मैं आधे रास्ते आ चुका था। अपने किसान भाइयों को देखा तो सोचा कि भतीजा भी यही चाहता था कि हमें इस अंदोलन में जीत मिले। यूपी गेट बॉर्डर पहुंचा और यहां दो दिन से आंदोलन में हूं। भतीजे की मौत का दुख तो मुझे है लेकिन आज मेरा पहला फर्ज यहां किसान अंदोलन में अपने भाईयों का साथ देना है।

दिल्ली की सीमाओं पर जमे रहेंगे किसान
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने फैसला किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे। हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसानों को इस मैदान की पेशकश की गई है। शाह ने यह भी कहा था कि निरंकारी मैदान में चले जाने के बाद केंद्र सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार है। भारतीय किसान संघ (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने फोन पर बताया, हमने फैसला किया है कि हम दिल्ली की सीमाओं पर जमे रहेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह फैसला किया है।
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