Edited By Anil dev,Updated: 27 Sep, 2022 05:56 PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2014 से पहले कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान पार्टी नेताओं ने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के बजाय चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं को उन्नत बनाने के नाम पर ‘‘पैसा बनाया''।
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 2014 से पहले कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान पार्टी नेताओं ने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के बजाय चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं को उन्नत बनाने के नाम पर ‘‘पैसा बनाया''।
गांधीनगर जिले के कलोल में एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्तासीन होने के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में परिदृश्य में बदलाव आया। उन्होंने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत या पीएम-जेएवाई योजना के तहत 60 करोड़ गरीब नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार मिल रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरी स्वास्थ्य ढांचे को खड़ा करने के लिहाज से 64,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इस योजना के तहत 600 जिलों के अस्पतालों में 35,000 नये बिस्तर बढ़ाये गये हैं।'' उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के समय भारत विश्व में 11वें स्थान पर था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे 5वें स्थान पर लाए। कांग्रेस 11वें से 12वें स्थान पर लाई थी. पीएम मोदी देश को ऐसी स्थिति में लाए जहां भारत की बात सुने बिना कोई बड़ा फैसला नहीं हो सकता।
शाह ने कहा कि देश में एकीकृत प्रयोगशालाओं और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के लिए 1,600 करोड़ रुपये का अलग बजटीय प्रावधान किया गया है। शाह सोमवार से दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं जहां इस साल दिसंबर में चुनाव होने हैं। शाह ने आज दो अस्पतालों की आधारशिला भी रखी। 750 बिस्तरों के एक अस्पताल का संचालन एक ट्रस्ट करेगा और 150 बिस्तर का एक और अस्पताल कलोल में बनाया जाएगा जिसका संचालन कर्मचारी राज्य बीमा योजना के हाथ में होगा। गांधीनगर से लोकसभा सदस्य शाह ने कहा, ‘‘अगर अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं हों तो ऐसे बुनियादी ढांचे का क्या मतलब? कांग्रेस शासन में नेता चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं में सुधार के नाम पर पैसा बनाने में व्यस्त थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पद संभालने के बाद परिदृश्य को सुधारा।''
उन्होंने कहा कि देश में 2013-14 में निजी और सरकारी, दोनों क्षेत्रों में 387 मेडिकल कॉलेज चल रहे थे और प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह संख्या 600 तक पहुंच गयी है। शाह ने कहा, ‘‘एमबीबीएस सीटों की संख्या भी बढ़ी है। 2013-14 में 51,384 सीटें थीं जो अब बढ़कर 89,875 हो गयी हैं। पीजी सीटें भी 31,185 से बढ़कर आज 60,202 हो गयी हैं। इसका मतलब है कि पिछले आठ साल में कॉलेजों और मेडिकल सीटों की संख्या दोगुनी हो गयी है। दस नये एम्स चल रहे हैं, वहीं 22 और शुरू होने वाले हैं।'' गृह मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के कुछ इलाकों में अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। शाम को वह गांधीनगर में अपने पैतृक शहर मानसा जाएंगे और नवरात्रि के दूसरे दिन बहुचार माता मंदिर में ‘आरती' में हिस्सा लेंगे।