Edited By Anil dev,Updated: 10 Aug, 2021 05:55 PM
बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों 2021 के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक क्यों नहीं लगाई जानी चाहिए।
नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों 2021 के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक क्यों नहीं लगाई जानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने इस संबंध में सरकार को 12 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। समाचार वेबसाइट ‘द लीफलेट' और पत्रकार निखिल वागले ने दावा किया था कि नए नियम “अस्पष्ट” तथा “दमनकारी” हैं और प्रेस की स्वतंत्रता तथा संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी पर इनका घातक प्रभाव होना निश्चित है।
केंद्र सरकार के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत से आग्रह किया कि अंतिम सुनवाई के बिना रोक नहीं लगाई जाए। इससे पहले द लीफलेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने दलील दी थी कि नए नियम ऑनलाइन सामग्री पर पाबंदी लगाने का प्रयास हैं और आईटी कानून द्वारा तय किये गए मापदंडों तथा संविधान के अनुच्छेद 19 के परे जाते हैं। अदालत ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह हलफनामा दायर करे। इस मामले में अब 13 अगस्त को आगे सुनवाई होगी।