भारत को पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाले क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की उम्मीद

Edited By Anil dev,Updated: 09 Apr, 2021 02:18 PM

national news punjab kesari china india arindam bagchi wmcc ladakh

चीन के साथ वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की अगली दौर की वार्ता से पहले भारत ने स्पष्ट किया कि वह पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाले शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटते देखना चाहता है क्योंकि इससे ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और...

नेशनल डेस्क: चीन के साथ वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की अगली दौर की वार्ता से पहले भारत ने स्पष्ट किया कि वह पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाले शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटते देखना चाहता है क्योंकि इससे ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और द्विपक्षीय संबंध में प्रगति का माहौल बन सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, हम शेष क्षेत्रों से (पूर्वी लद्दाख में) सैनिकों को पीछे हटते देखना चाहते हैं, जिससे गतिरोध दूर हो सकेगा ।

उन्होंने कहा, पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने से उम्मीद है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल हो सकती है और संबंधों की प्रगति का माहौल बन सकता है। इस मुद्दे पर भारत और चीन के बीच अगले दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि 12 मार्च को चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय पर कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में वरिष्ठ कमांडर स्तर की 11वीं दौर की वार्ता के बारे में दोनों पक्ष सहमत हुए थे।

बागची ने कहा कि इस विषय पर और जानकारी मिलने पर साझा करेंगे। वहीं, सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ कमांडर स्तर की 11 वें दौर की वार्ता शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चुशूल सीमा पर शुरू होने का कार्यक्रम है। सूत्रों ने बताया कि बातचीत में भारतीय पक्ष देपसांग, हॉटस्प्रिंग और गोगरा सहित लंबित समस्याओं को उठायेगा। शुक्रवार की वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मनन करेंगे। वहीं, पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा चीन और भारत 11वें दौर की वार्ता आयोजित करने के लिए संपर्क में है। 

उन्होंने कहा, हम आशा करते हैं कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के आधार पर भारतीय पक्ष चीन के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की यथास्थिति की बहाली के भारत के प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच अगली बैठकों में चर्चा हो सकती है। पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान हालात लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं है तथा उसे उम्मीद है कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों से सैनिकों की पूरी तरह जल्द वापसी सुनिश्चित करने के लिए उसके साथ मिलकर काम करेगा। 

गौरतलब है कि पैंगोग झील क्षेत्र से सैनिकों के पीछे हटने के बाद वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की 10वें दौर की वार्ता हुई और विदेश मंत्री (एस जयशंकर) की उनके चीनी समकक्ष से टेलीफोन पर बातचीत हुई । इसके बाद चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय पर कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 12 मार्च को बैठक हुई। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष पांच मई को हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस वर्ष फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था। इसके बाद ही 20 फरवरी को सैन्य स्तर की वार्ता हुई थी। समझा जाता है कि इसमें भारत ने देपसांग, हॉटस्प्रिंग और गोगरा समेत अन्य लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर दिया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!