Edited By Anil dev,Updated: 09 Dec, 2021 06:21 PM
कुन्नूर के नजदीक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सैनिकों में ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर भी शामिल थे जिन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के रक्षा सहायक के तौर पर तीनों सेनाओं में सुधार के लिए व्यापक कार्य किए थे।
नेशनल डेस्क: कुन्नूर के नजदीक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सैनिकों में ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर भी शामिल थे जिन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के रक्षा सहायक के तौर पर तीनों सेनाओं में सुधार के लिए व्यापक कार्य किए थे। दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी ब्रिगेडियर लिड्डर की जल्द ही मेजर जनरल के तौर पर पदोन्नति होने वाली थी और जनरल रावत की टीम में एक वर्ष से अधिक समय तक काम करने के बाद वह अपने अगले पदस्थापना के लिए तैयारियां कर रहे थे।
ब्रिगेडियर लिड्डर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियानों में काफी काम किया और चीन के साथ लगती भारतीय सीमा पर एक ब्रिगेड का नेतृत्व किया। जनरल रावत के रक्षा सहायक के तौर पर ब्रिगेडियर लिड्डर ने भारत के रक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके तहत तीनों सेनाओं के लिए थियेटर कमान बनाने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है ताकि सुनिश्चित किया जाए कि सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय बढ़ सके।
भारतीय वायुसेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, ब्रिगेडियर लिड्डर और 10 अन्य सैन्यकर्मियों की मृत्यु हो गई। सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित ब्रिगेडियर लिड्डर हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले थे और रक्षा अताशे के तौर पर कजाकिस्तान में भी पदस्थ रहे थे। वह दिसंबर 1990 में 2 जम्मू-कश्मीर राइफल्स से जुड़े और बाद में इसका नेतृत्व भी किया। सेना में सेवा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट करते हुए ब्रिगेडियर लिड्डर को ‘‘सबसे बहादुर अधिकारियों'' में से एक बताया। ब्रिगेडियर लिड्डर के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी है।