Edited By Anil dev,Updated: 14 Jan, 2021 12:19 PM
यदि बचपन में अधिकतर लोग कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो जाते हैं तो भविष्य में यह वायरस अपना स्वरूप बदलकर उन कोरोना वारयस जैसा ही हो जाएगा, जिनसे केवल मामूली सर्दी-जुकाम होता है। पत्रिका साइंस में मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन...
नेशनल डेस्क: यदि बचपन में अधिकतर लोग कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो जाते हैं तो भविष्य में यह वायरस अपना स्वरूप बदलकर उन कोरोना वारयस जैसा ही हो जाएगा, जिनसे केवल मामूली सर्दी-जुकाम होता है। पत्रिका साइंस में मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्ष में यह बात कही गई है। इस अध्ययन में आम सर्दी-जुकाम करने वाले चार कोरोना वायरस और सार्स-सीओवी-1 को लेकर अनुसंधान किया गया। इस विषाणु से संबंधित प्रतिरक्षा विज्ञान और महामारी विज्ञान के डेटा के विश्लेषण से वैज्ञानिकों को सार्स-सीओवी-2 के भविष्य के स्वरूप के संबंध में अनुमान लगाने वाला एक मॉडल विकसित करने में मदद मिली।
वैज्ञानिकों ने कहा कि आम सर्दी-जुकाम करने वाले कोरोना वायरस पिछले लंबे समय से लोगों को संक्रमित कर रहे हैं और लगभग हर व्यक्ति कम आयु में उनसे संक्रमित हो चुका है। अध्ययन की लेखिका एवं अमेरिका की इमोरी यूनिवर्सिटी की जेनी लाविने ने कहा कि बचपन में हुआ यह संक्रमण आयु बढऩे पर गंभीर बीमारी से रक्षा करता है। इसमें कहा गया है कि भविष्य में सार्स-सीओवी-2 ऐसा संक्रमण बन सकता है, जिससे बच्चे तीन से पांच वर्ष तक की आयु में ही संक्रमित हो जाएंगे और ऐसा होने पर यह संक्रमण मामूली बन जाएगा।
इसमें कहा गया है कि लोग बड़े होने पर भी इससे संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बचपन में संक्रमित हो जाने के कारण उनमें इसके खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी होगी। अध्ययन में कहा गया है कि वायरस का यह स्वरूप कितनी तेजी से बदलता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस कितना तेजी से फैलता है और सार्स-सीओवी-2 रोधी टीके किस प्रकार से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं।