Edited By Anil dev,Updated: 21 Dec, 2020 12:46 PM
देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ के पार पहुंच गई हैं। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून को जल्द से जल्द लाने का इशारा किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीका अभियान शुरू होने के बाद संशोधित नागरिकता कानून पर विचार किया जाएगा।...
नेशनल डेस्क: देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ के पार पहुंच गई हैं। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून को जल्द से जल्द लाने का इशारा किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीका अभियान शुरू होने के बाद संशोधित नागरिकता कानून पर विचार किया जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से कई काम रूके हुए हैं। सीएए के नियम बनने अभी बाकी हैं।
दरअसल अमित शाह से पश्चिम बंगाल में सीएए को लेकर सवाल पूछा गया था जिसके बाद उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कई काम थम गए हैं, एक बार इसके टीका लगने का काम हो जाए और हम कोविड-19 पर कंट्रोल कर लें तो संशोधित नागरिकता कानून के नियम तैयार किए जाएंगे और हम इसको लेकर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस की वजह से इतनी बड़ी कवायद नहीं की जा सकती। जैसे ही कोविड-19 का टीकाकरण शुरू होगा, हम इस बारे में चर्चा करेंगे।आगे इस बारे में जो भी अपडेट होगा आपको जानकारी दी जाएगी।
वहीं शाह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही हैं और राज्य विकास के सभी मापदंडों पर तेजी से पिछड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य सरकार की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए बाहरी-भीतरी के मुद्दे को उठा रही है। उन्होंने कहा, केंद्र को राज्य सरकार को (आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के लिए) पत्र भेजने का पूरा अधिकार है। अगर उन्हें कोई संशय है तो नियम पुस्तिका देख सकते हैं। बाहरी-भीतर की बहस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में यदि भाजपा सत्ता में आती है तो कोई माटी का लाल ही मुख्यमंत्री बनेगा।