पिछले साल से ही रची जा रही थी सिद्धू मूसेवाला को मारने की साजिश, ADGP ने खोले कई बड़े राज

Edited By Anil dev,Updated: 24 Jun, 2022 01:13 PM

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पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के ए.डी.जी.पी. प्रमोद बान के नेतृत्व में सिद्धू मूसेवाला के कत्ल मामले की जांच कर रही एस.टी.एफ. ने वारदात के दिन मूसेवाला की रेकी में शामिल रहे केकड़ा के साथी बलदेव निक्कू को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

नेशनल डेस्क: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के ए.डी.जी.पी. प्रमोद बान के नेतृत्व में सिद्धू मूसेवाला के कत्ल मामले की जांच कर रही एस.टी.एफ. ने वारदात के दिन मूसेवाला की रेकी में शामिल रहे केकड़ा के साथी बलदेव निक्कू को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। 
पुलिस का कहना है कि केकड़ा और निक्कू ने सिद्धू मूसेवाला के घर से निकलते वक्त न सिर्फ उसके साथ सैल्फी लेकर गोल्डी बराड़ को तुरंत सूचना पहुंचाई, बल्कि मूसेवाला की थार का पीछा करके गांव से आगे चौराहे पर कोरोला और बोलैरो गाडिय़ों में इंतजार कर रहे शूटरों को भी थार गाड़ी की पहचान करवाई। उन्होंने बताया कि पिछले साल से ही सिद्धू मूसेवाला को मारने की साजिश रची जा रही थी।

ए.डी.जी.पी. बान ने दावा किया कि पंजाब पुलिस द्वारा घटना के 24 घंटे के भीतर की गई मनप्रीत सिंह भाऊ की गिरफ्तारी से ही केस की बाकी सारी परतें खुलीं और जल्द ही इस मामले में शामिल अन्य शूटरों को भी पकड़ लिया जाएगा। ए.डी.जी.पी. ने कहा कि इस पूरे मामले में पंजाब पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस जैसे दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, राजस्थान पुलिस और हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है ताकि अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके। अगस्त से योजना बनानी शुरू की थी, जनवरी में शूटर भी भेजे थे : ए.डी.जी.पी. ने मूसेवाला मर्डर मामले के बारे में अब तक की जांच के दौरान विभिन्न अपराधियों और सरगना लॉरैंस बिश्नोई से हुई पूछताछ के दौरान सामने आया है कि इस गिरोह द्वारा बीते वर्ष अगस्त माह से ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या संबंधी योजना बनानी शुरू कर दी थी और कई बार उसकी रेकी के लिए विभिन्न लोगों को भेजा गया था। 29 मई को घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचे शूटरों के ग्रुप से पहले भी एक अन्य ग्रुप को जनवरी माह के दौरान भेजा गया था, लेकिन उस वक्त घटना को अंजाम नहीं दिया जा सका था। 

छोटे भाई व परिवार के लिए खतरा बढ़ेगा तभी भाई और रिश्तेदार को भेजा विदेश 
प्रमोद बान ने बताया कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बैठे सरगना लॉरैंस बिश्नोई को पता था कि इस अपराध के बाद उसके लिए व उसके परिवार के लिए खतरा बढ़ जाएगा, इसलिए उसने अपने छोटे भाई अनमोल बिश्नोई और रिश्तेदार सचिन बिश्नोई को फर्जी पासपोर्टों के जरिए विदेश भेज दिया था। इस संबंध में पंजाब पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है। ए.डी.जी.पी. ने कहा कि घटना के बाद दिल्ली के एक न्यूज चैनल को फोन करके घटना की जिम्मेदारी लेने और खुद के शामिल होने संबंधी सचिन बिश्नोई द्वारा किया गया फोन कॉल सिर्फ पुलिस की जांच को भटकाने के मकसद से किया गया था क्योंकि वह और अनमोल जनवरी 2022 के दौरान ही विदेश चले गए थे। उन्होंने कहा कि लॉरैंस बिश्नोई, सचिन, अनमोल, थापन और गोल्डी बराड़ ने मिलकर इस पूरी साजिश को प्लान किया था। 

एक सवाल के जवाब में बान ने कहा कि अभी तक की जांच व पूछताछ में यह स्पष्ट है कि हमले के लिए रशियन हथियार एके सीरिज का इस्तेमाल हुआ है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एके 47 था या फिर एके 94।  ए.डी.जी.पी. बान ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में पंजाब पुलिस द्वारा 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें रेकी करने वाले से लेकर साजिश में शामिल कई गैंगस्टर भी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बाकी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ए.डी.जी.पी. ने कहा कि दो-अढ़ाई माह के दौरान पंजाब पुलिस द्वारा 37 गैंगस्टर गिरोहों का पर्दाफाश करते हुए 147 अपराधियों को पकड़ा गया है और भारी हथियार बरामद किए गए हैं।

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