BJP को राजनीति में पढ़ी-लिखी महिला बर्दाश्त नहीं: सौरभ भारद्वाज

Edited By Anil dev,Updated: 30 Jun, 2021 04:50 PM

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आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी को आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने पर भाजपा और उसकी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा को राजनीति में पढ़ी-लिखी युवती बर्दाश्त नहीं है और इसीलिए भाजपा की...

नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी को आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने पर भाजपा और उसकी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा को राजनीति में पढ़ी-लिखी युवती बर्दाश्त नहीं है और इसीलिए भाजपा की केंद्र सरकार ने ‘आप’ विधायक आतिशी को एफडी और म्यूच्यूअल फण्ड में जमा मात्र 59 लाख रुपए के लिए आईटी नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि सारे मापदंड गिराते हुए भाजपा की केंद्र सरकार ने बदले की भावना से 2012 से पहले की आमदनी के लिए यह आयकर नोटिस भेजा है। भाजपा अपना महिला विरोधी चेहरा दिखा रही है और आम आदमी पार्टी इसकी घोर निंदा करती है। वहीं, आतिशी ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार तमाम कोशिशों के बावजूद ‘आप’ के किसी नेता के खिलाफ एक गलती नहीं ढूंढ पाई है, क्योंकि हमारे पास कुछ भी छिपाने के लिए नहीं है। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि जिस तरह से हम अपने सारे बैंक खाते और सारी प्रॉपर्टी सार्वजनिक करने के लिए तैयार हैं, क्या भाजपा के नेता भी यह करने को तैयार हैं?

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज और वरिष्ठ नेता व विधायक आतिशी ने आज पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक बड़ी हास्यास्पद घटना हुई है कि हमारी पार्टी की जानी-मानी नेता आतिशी को आयकर विभाग ने नोटिस दिया है। विभाग ने मात्र इस बात के लिए नोटिस दिया है कि इन्होंने 2020 में जो विधानसभा चुनाव लड़ा, उस दौरान दिए एफिडेविट (शपथ पत्र) में इन्होंने खुद घोषणा की है कि इनके पास चल संपत्ति के तौर पर बैंक में फिक्स डिपाजिट और म्यूचुअल फंड में करीब 59 लाख 79 हजार रुपए इनके बैंक खाते में है। मैं हैरान इसलिए हूं, क्योंकि कोई साधारण से साधारण बुद्धि रखने वाला आदमी भी अगर आतिशी के बारे में थोड़ी सी जानकारी उसी एफिडेविट में पढ़ लेता, तो इनके बारे में और कई जानकारियां दी गई हैं, जो मिल जातीं। 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विधायक आतिशी दिल्ली के स्प्रिंग डेल स्कूल में पढ़ी हैं। इनके माता-पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इसके बाद इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर ही सेंट स्टीफंस काॅलेज से हिस्ट्री ऑनर्स किया और पूरे दिल्ली के अंदर टॉपर रहीं। उसके बाद प्रतिष्ठि शेवनिंग स्कॉलरशिप पर इन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमए किया और फिर दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित रोड्स स्कॉलरशिप के अंतर्गत इन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएससी किया। इतनी बड़ी-बड़ी योग्यता के बाद कोई 8 से 10 साल तक अगर नौकरी करें, कंसल्टिंग का काम करें, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस में स्कॉलर के तौर पर थिंक टैंक के साथ काम करें, तो मुझे लगता कि कोई बेवकूफ से बेवकूफ आदमी भी यह समझ सकता है कि आप इतना धन अर्जित कर सकते हैं कि उसके बाद अगर वह पैसा 7-8 साल बैंक में और म्युचुअल फंड्स में रखा रहे, तो 50-60 लाख रुपए आराम से बनता है। उन्होंने कहा कि सबसे मजेदार बात यह है कि आतिशी के एफडी और म्युचुअल फंड्स में जितना पैसा है, यह सारा पैसा 2012 से पहले जमा कराया गया है। 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अक्टूबर-2012 में आम आदमी पार्टी बनी और दिसंबर-2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। 2015 में आतिशी को दिल्ली सरकार के साथ काम करने का मौका मिला और मात्र एक रुपए प्रतिमाह वेतन पर काम करती थीं। मुझे बहुत ही दुख के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए यह कहना पड़ रहा है कि आयकर विभाग इतना खाली है कि भाजपा की केंद्र सरकार जो इस वादे के साथ सत्ता में आई थी कि स्विस बैंक में जो लाखों-करोड़ों रुपए भारत का काला धन जमा है, उसको लेकर आएंगे। आज उनके हालात इतने बिगड़ गए हैं कि 60-60 लाख रुपए की घोषणा (डिक्लेरेशन) के ऊपर यह इनकम टैक्स की नोटिस भेज रहे हैं। हमारा सीधे तौर पर मानना है कि एक तो वैसे ही भारत के अंदर हमारी राजनीति इस तरह की है कि पढ़े-लिखे पेशेवर (प्रोफेशनल) युवा और खासतौर से महिलाएं, राजनीति में आना पसंद नहीं करती हैं, क्योंकि उनके लिए राजनीति में आना और खुद को स्थापित कर पाना बहुत ही मुश्किल है। जो महिलाएं राजनीति में दिखती भी हैं, तो उनमें से बहुत सारी ऐसी हैं, जिनको विरासत में राजनीतिक संरक्षण मिला है, जिस वजह से वो स्थापित हो पाईं। वहीं, बहुत कम लोग हैं, जो अपने बलबूते बिना किसी पारिवारिक पृष्ठभूमि के राजनीति में आते हैं और उनके साथ अगर भाजपा की केंद्र सरकार इस तरह करती है, तो मुझे लगता है कि यह एक महिला विरोधी चेहरा के रूप में भाजपा अपने आप को दिखा रही है और स्थापित कर रही है। आम आदमी पार्टी इसकी घोर निंदा करती है। यह बहुत ही शर्मनाक है कि इस तरह का काम करने के लिए केंद्र सरकार ने आयकर विभाग को छोड़ा है।

वहीं, इस दौरान ‘आप’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि हम पिछले 6 से 7 साल से, जबसे आम आदमी पार्टी राजनीति में आई है, तभी से यह बार-बार देख ही रहे हैं कि किस तरह से आम आदमी पार्टी के नेताओं, विधायकों और उनके मंत्रियों को परेशान करने के लिए केंद्र सरकार अपनी हर एजेंसी का प्रयोग करती है। चाहे वह सीबीआई की रेड हो,, जो चाहे वो दिल्ली पुलिस, चाहे वो एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट हो और चाहे इनकम टैक्स के नोटिस हों, केंद्र सरकार ने अपनी कोई एजेंसी नहीं छोड़ी है। इनके माध्यम से केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली में चल रही हमारी सरकार के पीछे पड़ी रहती है, लेकिन अपनी हर कोशिश के बावजूद इतने सालों में वो आम आदमी पार्टी के किसी नेता के खिलाफ एक गलती नहीं ढूंढ पाए हैं और एक केस नहीं बना पाए हैं। यह जो आयकर विभाग का नोटिस है, यह भी उसी में अगली कड़ी है, जहां भाजपा को लगता है कि वो जो पढ़े-लिखे और पेशेवर लोग राजनीति में आते हैं, उनको इन नोटिस के माध्यम से डरा-धमका और चुप करा सकते हैं। 

आतिशी ने आगे कहा कि मैं भाजपा की केंद्र सरकार को कहना चाहूंगी कि हम आपकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। मैं या आम आदमी पार्टी के बहुत सारे नेता हैं, जो अलग-अलग क्षेत्र से अपनी नौकरियां छोड़कर राजनीति में इसलिए आए हैं, क्योंकि हम देश की राजनीति बदलना चाहते हैं। हम भाजपा के इन खोखले धमकियों से डरते नहीं हैं। दूसरी बात, भाजपा के नेताओं के पास कुछ छुपाने के लिए होगा, क्योंकि उनके पास और उनकी पार्टी के पास संपत्ति कैसे आती है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। हमारे पास एक भी चीज छुपाने के लिए नहीं है। जिस तारीख को आयकर विभाग बुलाएगा, जहां बुलाएगा, वो जितने सालों के बैंक खाते की जानकारी चाहेंगे, मैं एक-एक कागज ले कर जाऊंगी, क्योंकि मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। मैं भाजपा को यह चुनौती देना चाहती हूं कि जिस तरह से हम अपने सारे बैंक खाते और अपनी सारी प्रॉपर्टी को सार्वजनिक करने के लिए तैयार हैं, क्या भाजपा के नेता भी यह करने के लिए तैयार है या वो सिर्फ आयकर विभाग, ईडी और दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी के नेताओं को परेशान करने के लिए छोड़ना चाहते हैं।

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