भारत बंद: दिल्ली में सामान्य रूप से चल रही हैं ऑटो, टैक्सी...दुकानें भी खुलीं

Edited By Anil dev,Updated: 27 Sep, 2021 12:34 PM

national news punjab kesari delhi bharat bandh rajendra soni

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा सोमवार को आहूत ‘भारत बंद'' के बावजूद दिल्ली में ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सी सामान्य रूप से सड़कों पर चलती नजर आईं

नेशनल डेस्क:  केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा सोमवार को आहूत ‘भारत बंद' के बावजूद दिल्ली में ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सी सामान्य रूप से सड़कों पर चलती नजर आईं और अधिकतर दुकानें भी खुली दिखीं। उनकी यूनियन तथा संघों ने किसानों के बंद को केवल ‘‘सैद्धांतिक समर्थन'' देते हुए हड़ताल ना करने का फैसला किया है। ऑटो, टैक्सी यूनियन और व्यापारी संघों का कहना है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कारण उनकी आजीविका पहले ही बुरी तरह प्रभावित हुई है, इसलिए वे किसी भी हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे हैं।

PunjabKesari

दिल्ली ऑटो टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा, ‘‘ पहले भी हमने किसानों द्वारा भारत बंद का समर्थन किया था, लेकिन अपने ऑटो और टैक्सी को चलाना जारी रखा था। इस बार भी हम किसानों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हड़ताल नहीं कर हैं क्योंकि वैश्विक महामारी के समय कम हुई कमाई के कारण हमारे सदस्य काफी संकट में हैं।'' ‘कैब संघों' का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के ‘सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन' ने भी किसानों का समर्थन किया, लेकिन हड़ताल में शामिल नहीं हुए। एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा, ‘‘ हम किसानों के समर्थन में हैं, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण हमारा काम प्रभावित हुआ है और हम उनके समर्थन में हड़ताल करके खुद नुकसान नहीं उठा सकते।'' अन्य ऑटो तथा टैक्सी यूनियन की भी यही राय है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ऑटो चालक संघ के सचिव अनुज राठौड़ ने कहा, ‘‘ हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं। लेकिन कोविड-19 के कारण जो वित्तीय संकट हमने उठाया है, उसे देखते हुए....हम सामान्य रूप से काम करते हुए उन्हें और उनकी मांग को अपना नैतिक एवं सैद्धांतिक समर्थन दे रहे हैं।'' 
 

PunjabKesari

‘चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री' (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि शहर में बाजार और दुकानें खुली हैं क्योंकि किसानों ने हड़ताल के लिए हमारे संघ से कोई सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘ साथ ही, त्योहारों के नजदीक होने के चलते यह व्यापारियों का वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से उबरने का समय है। हालांकि हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं और सरकार से उनकी मांग पूरी करने की अपील करते हैं।'' उन्होंने कहा कि व्यापारी, किसानों और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन वे दुकानें बंद करने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि वे अपने व्यापार एवं व्यवसायों पर वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण पहले से ही संकट में हैं। 

गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली खत्म हो जाएगी, हालांकि सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है,लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला है। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!