Edited By Anil dev,Updated: 22 Jul, 2021 11:35 AM
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही अगले 2 साल के लिए स्थायी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। उनकी मदद के लिए फिलवक्त कुछ कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं। इस बीच हर स्तर पर संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया जारी रहेगी और...
नेशनल डेस्क; कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही अगले 2 साल के लिए स्थायी अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। उनकी मदद के लिए फिलवक्त कुछ कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं। इस बीच हर स्तर पर संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया जारी रहेगी और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा आगे लाने का प्रयास किया जाएगा।
पंजाब कांग्रेस में इतने लंबे समय से चली आ रही कलह का लगभग निदान कर चुकी सोनिया गांधी पार्टी नेताओं को यह संदेश देने में सफल हुई हैं कि उन्हें कमजोर न आंका जाए। वह कड़े फैसले लेने से कतराएंगी नहीं, भले ही सामने कोई बड़ा क्षत्रप ही क्यों न हो। कैप्टन अमरेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेता की तमाम ना-नुकर के बाद भी सोनिया ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी दे दी। इसके पहले उन्होंने कैप्टन को विभिन्न माध्यमों से समझाने और अपने स्तर पर ही मसले का समाधान करने का पूरा मौका दिया। उन्होंने सिद्धू को एक सम्मानजनक एडजस्टमैंट की बात कही थी, जब कैप्टन नहीं माने तो आखिर में सोनिया ने कड़ा निर्णय लिया।
इस निर्णय का ही असर है कि आज पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री होते हुए कैप्टन लगभग अलग-थलग से दिख रहे हैं। पार्टी के 85 विधायकों में से 62 बुधवार को सिद्धू के साथ ब्रेकफास्ट पर बैठे दिखे। राजनीतिक जानकार इसे सिद्धू की ताकत की बजाय कांग्रेस आलाकमान की ताकत के तौर पर देख रहे हैं। पार्टी उम्मीद कर रही है कि अपने कहे अनुसार कैप्टन आलाकमान के फैसले का सम्मान करेंगे और सिद्धू के साथ चली आ रही अदावत भुला कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर काम करेंगे।