Edited By Anil dev,Updated: 28 Aug, 2021 02:53 PM
फेक न्यूज पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज के बुद्धिजीवियों का कर्तव्य बनता है कि वो "राज्य के झूठ" को उजागर करें।
नेशनल डेस्क: फेक न्यूज पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज के बुद्धिजीवियों का कर्तव्य बनता है कि वो "राज्य के झूठ" को उजागर करें। 'नागरिकों के सत्ता से सच बोलने का अधिकार' विषय पर एक ऑनलाइन व्याख्यान में में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि लोकतंत्र में राज्य (सरकारें) राजनीतिक कारणों से झूठ नहीं बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए केवल राज्य पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को सरकारों के झूठ को उजागर करना चाहिए। एकदलीय सरकारें सत्ता को मजबूत करने के लिए झूठ पर निरंतर निर्भरता के लिए जानी जाती हैं।
फेक न्यूज का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा
इसके साथ ही उन्होंने फेक न्यूज पर भी हमला किया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज फेक न्यूज का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। वरिष्ठ जज ने कहा कि WHO ने COVID महामारी के दौरान इसे 'इन्फोडेमिक' कहते हुए पहचाना था। मीडिया की निष्पक्षता सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसानों में सनसनीखेज खबरों की ओर आकर्षित होने की प्रवृत्ति होती है, जो अक्सर झूठ पर आधारित होती है। आज के दिनों में ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर झूठ का बोलबाला है जोकि लोगों को सच से दूर रखता है।
सच्चाई के बारे में लोगों का चिंतित न होना, सत्य के बाद की दुनिया में एक और घटना है।