ब्रिटेन में इस बार चीन से ज्यादा हो सकती है भारतीय छात्रों की संख्या

Edited By Anil dev,Updated: 17 Aug, 2022 03:53 PM

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भारत इस साल ब्रिटेन में विदेशी छात्रों की संख्या में चीन को पछाड़ सकता है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी तानी जा रही है कि भारत और ब्रिटेन ने आपस में एक समझौता किया है। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के शिक्षण संस्थानों की डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और...

नेशनल डेस्क: भारत इस साल ब्रिटेन में विदेशी छात्रों की संख्या में चीन को पछाड़ सकता है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी तानी जा रही है कि भारत और ब्रिटेन ने आपस में एक समझौता किया है। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के शिक्षण संस्थानों की डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और शैक्षिक योग्यताओं को मान्यता देंगे। भारत में 10वीं और 12वीं पास करने पर मिलने वाले सर्टिफिकेट को ब्रिटेन में मान्यता मिलेगी। साथ ही भारत में किए गए स्नातक, मास्टर और पीएचडी को भी ब्रिटेन में वहां की डिग्रियों के समकक्ष माना जाएगा। इससे उन छात्रों को खास तौर से फायदा हो सकता है जो उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना चाहते हैं।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि पांच साल पहले ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या 20 हजार के साथ निचले स्तर पर थी, जबकि बीते साल यह संख्या करीब एक लाख के आसपास आ पहुंची। उन्होंने कहा कि उनका देश इस संख्या को और भी बढ़ाना चाहेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर भारतीय छात्रों को अब तक की सबसे अधिक "शेवनिंग स्कॉलरशिप 75" प्रदान कर रहा है। एलिस ने कहा कि अगले साल से इस योजना का उद्देश्य अधिक प्रायोजकों के साथ जुड़ने का है।

उच्चायुक्त ने कहा कि दोनों देशों ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सहित शैक्षिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन के भारत में किए गए स्नातक, मास्टर्स को भी ब्रिटेन में वहां की डिग्रियों के समकक्ष माना जाएगा है। यह विशेष रूप से प्रासंगिक है यदि आप सरकारी नौकरी पाने की कोशिश कर रहे हैं या यदि आप यहां पीएचडी करने की कोशिश कर रहे हैं।

वीजा के मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए एलिस ने कहा कि यह वह वर्ष हो सकता है जब ब्रिटेन के परिसरों में भारतीय छात्रों की संख्या चीनी से आगे निकल जाए। उन्होंने बताया कि हमने पिछले शैक्षणिक वर्ष में लगभग 1,00,000 छात्र वीजा जारी किए। हम पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ने की उम्मीद करते हैं। ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस समय चीन अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नंबर एक स्रोत है, जबकि भारत दूसरे नंबर पर है। एलिस ने कहा कि अब भारतीय नागरिकों के लिए यूके आना अपेक्षाकृत आसान है, जिसके परिणामस्वरूप मुझे लगता है कि यूके के सभी कुशल कार्य वीजा का 44 फीसदी भारतीय नागरिकों के पास जाएगा।

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