Edited By Anil dev,Updated: 16 Nov, 2021 01:42 PM
महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में लगभग पांच हजार महिलाओं की प्रसव के दौरान मदद करने वाली एक नर्स की खुद के प्रसव के बाद उत्पन्न जटिलताओं के कारण मौत हो गई।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में लगभग पांच हजार महिलाओं की प्रसव के दौरान मदद करने वाली एक नर्स की खुद के प्रसव के बाद उत्पन्न जटिलताओं के कारण मौत हो गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ज्योति गवली (38) ने दो नवंबर को हिंगोली सिविल अस्पताल में अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया था और रविवार को पड़ोसी नांदेड़ जिले के एक निजी अस्पताल में निमोनिया और अन्य जटिलताओं के कारण उसकी मौत हो गई। हिंगोली सिविल अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोपाल कदम ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ वह हिंगोली सिविल अस्पताल के ‘प्रसव कक्ष' में तैनात थीं। गर्भावस्था के अंतिम दिन तक उन्होंने काम किया और फिर प्रसव के लिए गईं। वह बच्चे के जन्म के बाद मातृत्व अवकाश पर जाने वाली थीं।''
उन्होंने बताया कि गवली पिछले दो साल से अस्पताल में काम कर रही थीं और इससे पहले तीन साल तक दो अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में काम कर चुकी थीं। अधिकारी ने कहा कि दो नवंबर को उन्होंने बच्चे को जन्म दिया और उसी दिन ही स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्हें नांदेड़ के एक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। निमोनिया होने के बाद उन्हें वहीं एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह वेंटिलेटर पर थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ रविवार को उनकी मौत हो गई। हमारे केन्द्र में प्रसव के प्रतिदिन लगभग 15 मामले आते हैं। उन्होंने लगभग पांच वर्षों की अपनी सेवा अवधि के दौरान निश्चित रूप से प्रसव के लगभग 5,000 मामलों में मदद की होगी।"