चीनी सैनिकों की हिमाकत पर भारी पड़े थे संतोष बाबू, अकेले ही 300 से भिड़ गए थे

Edited By Anil dev,Updated: 23 Nov, 2021 12:03 PM

national news punjab kesari delhi martyr colonel santosh babu galwan valley

लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को आज यानी मंगलवार को वीरता मेडल महावीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।

नेशनल डेस्कः लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को आज यानी मंगलवार को वीरता मेडल महावीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां और पत्नी को पुरस्कार दिया। वहीं, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया। 

आपको बतां दे कि साल 2020 में 15 जून को भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे तो वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे हालांकि उसने यह स्वीकार नहीं किया था। 15 जून को गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू ने बड़ी बहादुरी से 300 चीनी सैनिकों का सामना किया था। वे ही भारतीय जवानों का नेतृत्व कर रहे थे। कर्नल ने चीनी सैनिकों को समझाने की कोशिश की कि जो टेंट उन्होंने लगाए हैं वो भारत की जमीन पर हैं इसलिए इन्हें हटाया जाए लेकिन चीन ने शायद कर्नल के विनम्र स्वाभाव को कमजोरी समझने की भूल कर दी। कर्नल ने अपनी टीम को टैंट उखाड़कर फेंक देने का आदेश दे दिया। इस पर चीनी सैनिक इतने नीचे स्तर पर गिर गए कि उन्होंने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी। इस हमले से कर्नल संतोष काफी घायल हो गए थे लेकिन वे पीछे नहीं हटे और चीनी सैनिकों के सामने डटे रहे।

PunjabKesari

हटाने के बाद चीन ने फिर लगाए टेंट
गलवान नदी के किनारे बना चीन का एक निगरानी पोस्ट भारत की सीमा में था, जिसे हटाने को लेकर चीन की सेना के साथ समझौता भी हो गया था। बातचीत के बाद चीन ने अपने पोस्ट हटा भी लिए थे लेकिन 14 जून को चीनी सैनिकों ने फिर से अपनी पोस्ट वहां खड़ी कर दी। 15 जून शाम को कर्नल संतोष बाबू ने तय किया कि वे अपनी टीम के साथ उस कैंप के पास जाएंगे और चीनी सैनिकों से बात करेंगे कि जब टेंट हटा लिए गए थे फिर दोबारा क्यों लगाए गए।  16 बिहार रेजिमेंट में इसको लेकर गरमागर्मी का माहौल था कि चीन ने ऐसी हिमाकत कैसे की। यूनिट के युवा सिपाही नाराज भी थे और वे खुद चीन के उस विवादित पोस्ट को उखाड़ फेंकना चाहते थे लेकिन कर्नल संतोष शांति से बात करना चाहते थे। 

PunjabKesari

35 जवानों के साथ कैंप पर गए कर्नल संतोष
15 जून को शाम करीब 7 बजे कर्नल संतोष 35 जवानों के साथ उस कैंप तक गए जहां चीनी डेरा डाले बैठे थे। कर्नल अपने सैनिकों के साथ जब कैंप के पास पहुंचे तो उन्हें महसूस हुआ कि चीनी सैनिकों के हावभाव कुछ बदले से हैं। साथ ही वो चीनी सैनिक वहां मौजूद नहीं थे जिनकी ड्यूटी अक्सर वहां होती है। कर्नल बाबू ने अभी इतना पूछा ही था कि आप लोगों ने टैंट यहां फिर से क्यों गाड़ दिए कि इतने में एक चीनी सैनिक सामने आया और उसने कर्नल संतोष को धक्का दे दिया। इतना ही नहीं चीनी सैनिकों ने चीनी भाषा में अपमानजनक शब्दों का भी प्रयोग किया।

PunjabKesari

सैनिकों में हुई धक्का-मुक्की
कर्नल बाबू को धक्का देने पर भारतीय सैनिक भड़क गए और भारतीय जवान चीनी सैनिकों पर टूट पड़े। दोनों तरफ से सैनिकों के बीच मुक्के और घूंसे चले लेकिन किसी तरह के हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ। यह धक्का-मुक्की करीब 30 मिनट तक चली और दोनों तरफ से सैनिकों को चोटें भी लगीं। इस दौरान भारतीय जवान चीन पर ज्यादा भारी पड़ी। भारतीय जवानों ने चीन के लगाए गए टैंट को उखाड़ दिया। कर्नल संतोष समझ गए थे कि ये नए चीनी सैनिक किसी ओर इरादे से यहां तैनात किए गए हैं। उन्होंने घायल भारतीय जवानों को वापिस पोस्ट पर भेज दिया और कहा कि ज्यादा जवानों को यहां भेजा जाए। कर्नल बाबू और उनकी टीम ने कुछ चीनी सैनिकों को हाथपाई में पकड़ लिया और LAC के पार चीनी सीमा की ओर ले गए। कर्नल बाबू चाहते थे कि वे इन चीनी सैनिकों को उनके ऑफिसर्स को सौंप कर पूछे कि आखिर चल क्या रहा है। साथ ही आशंका था कि दूसरी तरफ भी ऐसे ही नए चीनी चैनिक और भी होंगे जो हमले की फिराक में हों तो उनकी संख्या पता चल जाएगी।

PunjabKesari

घात लगाए बैठे थे चीनी सैनिक
कर्नल बाबू का अंदेशा सही साबित हुआ, वहां कुछ चीनी सैनिक घात लगाए बैठे थे कि अंधेरा हो और वो भारतीय सैनिकों पर हमला कर दें। जैसे ही भारतीय सैनिक पकड़े गए चीनी सैनिकों को लेकर वहां पहुंचे उनपर बड़े-बड़े पत्थर बरसने लगे। रात करीब 9 बजे कर्नल बाबू के सिर से एक बड़ा पत्थर टकराया और वे गलवान नदी में गिर गए। इसके बाद 45 मिनट तक भारत और चीनी सैनिकों के बीच टकराव चला। सैनिक ग्रुपों में लड़ रहे थे। इस दौरान कई जवान गलवान नदी में गिरे, इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे। चीनियों ने हमले में कील लगे रॉड और डंडों का इस्तेमाल किया। रात 11 बजे तक सबकुछ शांत हुआ तो दोनों देश की सेनाओं ने नदी में गिरे अपने घायल जवानों को उठाया और उन्हें इलाज के लिए भेजा। 

PunjabKesari

एक बार फिर गुत्थमगुत्थी हुए जवान
कर्नल संतोष की शहादत पर जवान आक्रोश में थे। रात 11 बजे एक बार फिर से भारतीय जवान चीनियों से भिड़ गए। इस बार लड़ाई चीन की सीमा के अंदर लड़ी गई। इस बार भी कई सैनिक नदी में गिर गए। यह लड़ाई आधी रात तक चलती रही और आखिर में फिर हालात सामान्य हुए। भारत और चीन के स्वास्थ्यकर्मी भी घटनास्थल पर पहुंचे और घायल जवानों को तुरंत इलाज के लिए भेजा गया। अंधेरे में ही जो सैनिक इधर आए थे उनको चीन को सौंपा गया और चीन ने दो दिन बाद 10 जवानों को भारत को सौंपा था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!