Edited By Anil dev,Updated: 09 Dec, 2021 12:17 PM
तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। जनरल रावत को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु में कुन्नूर के समीप बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई। जनरल रावत को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट कोहरे की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई। हादसे में एक व्यक्ति बचा है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना से पूरा देश सदमे है। जनरल रावत के 43 साल लंबे करियर में वह कई बार मौत को मात दे चुके हैं लेकिन इस बार भगवान को शायद कुछ और ही मजूंर था।
मिलिटरी कॉलेज ऑफ टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमजी दातार (रिटायर्ड) ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक पुराना किस्सा बताया। जब 2015 में हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना के बाद जनरल रावत से मिलने गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा था कि सर, मैं पहाड़ी आदमी हूं, इतनी छोटी सी घटना में मरने वाला नहीं हूं। मैं गोरखा राइफल्स से हूं जो अपनी निडरता के लिए जाना जाता है। मैं उत्तराखंड की पहाड़ियों का हूं। वहां के लोग भी अपनी निडरता के लिए जाने जाते हैं।'
2015 में भी क्रैश हुआ था उनका हेलिकॉप्टर
आपको बताते दे कि करीब 7 साल पहले 2015 में उत्तर पूर्वी राज्य नगालैंड के दीमापुर जिले में बिपिन रावत समेत तीन अधिकारी सेना के चीता हेलिकॉप्टर पर सवार थे। उड़ान भरने के बस कुछ सेकंड बाद ही हेलिकॉप्ट क्रैश हो गया था। तब हेलिकॉप्टर महज 20 फुट की ऊंचाई पर था। सेना की तरफ से जानकारी दी गई थी कि हेलिकॉप्टर पर सवार अधिकारियों को मामूली चोटें आई हैं। बताया जाता है कि उस वक्त इस घटना के पीछे इंजन फेल होने की वजह सामने आई थी। इस घटना में भी वायुसेना ने उच्चस्तरीय जांच बिठाई थी।