बाल विवाह व किशोर गर्भावस्था भारत में चिंताजनक, विजन -2030 दस्तावेज में चौंकाने वाले खुलासे

Edited By Anil dev,Updated: 30 Jul, 2022 12:33 PM

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भले ही देश में प्रजनन दर स्थिर हो गई है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सप्ताह के शुरू में जारी अपने परिवार नियोजन विजन -2030 दस्तावेज में कहा कि कुछ क्षेत्रों में उच्च किशोर प्रजनन क्षमता भारत में चिंता का कारण बनी हुई है।

नेशनल डेस्क: भले ही देश में प्रजनन दर स्थिर हो गई है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सप्ताह के शुरू में जारी अपने परिवार नियोजन विजन -2030 दस्तावेज में कहा कि कुछ क्षेत्रों में उच्च किशोर प्रजनन क्षमता भारत में चिंता का कारण बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए गर्भ निरोधकों तक पहुंच की कमी को एक प्राथमिकता चुनौती क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है।

देश में अब दो सबसे महत्वपूर्ण कारक बाल विवाह और किशोर गर्भावस्था हैं। 118 से अधिक जिलों ने किशोर गर्भधारण के उच्च प्रतिशत की सूचना दी और इनमें ज्यादातर बिहार (19), पश्चिम बंगाल (15), असम (13), महाराष्ट्र (13), झारखंड (10), आंध्र प्रदेश (7), और त्रिपुरा (4) जिले शामिल हैं।  इसके अतिरिक्त भारत के 44 प्रतिशत से अधिक जिलों ने 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले महिलाओं की शादी करने के उच्च प्रतिशत के आंकड़े बताए हैं। ये जिले बिहार (17), पश्चिम बंगाल (8), झारखंड (7), असम (4) में थे।

नवीनतम सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार भारत ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल की है, जिसमें 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने 2.1 या उससे कम की कुल प्रजनन दर हासिल की है। आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग काफी हद तक बढ़कर 56.5 प्रतिशत हो गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 भी अंतर के तरीकों की ओर एक समग्र सकारात्मक बदलाव दिखाता है, जो मातृ और शिशु मृत्यु दर और रुग्णता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में सहायक होगा। विवाहित किशोरों और युवा महिलाओं के बीच आधुनिक गर्भ निरोधकों का उपयोग कम रहता है।

एनएफएचएस-4 में केवल सात फीसदी विवाहित किशोर और 26 फीसदी युवा महिलाएं गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही थीं, जो एनएफएचएस-5 में बढ़कर क्रमश: 19 फीसदी और 32 फीसदी हो गई। इसमें सूचित किया गया है कि विवाहित किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं दोनों ने गर्भनिरोधक के लिए उच्च अपूर्ण आवश्यकता है। एनएफएचएस-4 में, 27 प्रतिशत किशोरों और 21 प्रतिशत युवा महिलाओं ने गर्भनिरोधक की आवश्यकता पूरी नहीं हो पायी, जो एनएफएचएस-5 में क्रमशः 18 प्रतिशत और 17 प्रतिशत तक कम हो गई। सरकार ने कहा कि पुरुष गर्भनिरोधक विधियां काफी हद तक कंडोम तक ही सीमित थीं। 

भारत जनसंख्या के हिसाब से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। दस्तावेज में कहा गया है कि देश की जनसंख्या मध्य शताब्दी तक  बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि यह भी तर्क दिया गया है कि जनसंख्या वृद्धि में काफी गिरावट आएगी। भारत की जनसंख्या 136.3 करोड़ (1.36 अरब) तक पहुंच गई है और 2031 तक 147.9 करोड़ (1.47 अरब) और 2036 तक 152.2 करोड़ (1.52 अरब) तक पहुंचने की उम्मीद है। 

साथ ही किशोर आबादी 2031 तक 22.9 करोड़ (229 मिलियन) और 2036 तक 22 करोड़ (220 मिलियन) तक पहुंच जाएगी। 15-24 आयु वर्ग में युवा आबादी 2011 में 23.3 करोड़ (233 मिलियन) से बढ़कर 2021 में 25.2 करोड़ (252 मिलियन) हो गई और अब 2031 में 23.4 करोड़ (234 मिलियन) तक पहुंच जाएगी। इसके  2036 में 22.9 करोड़ (229 मिलियन) होने का अनुमान है। 

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