Edited By Anil dev,Updated: 06 Jan, 2021 03:58 PM
सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही।
नेशनल डेस्क: सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की खामियों वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी। भीषण सर्दी के मौसम में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से डटे हैं। इसी बीच किसानों की सेवा के लिए सिंघु बॉर्डर पर भारतीय सेना का जवान पहुंचा।
मीडिया से बातचीत के दौरान कैथल का रहने वाले इस जवान ने बताया कि बर्फबारी के चलते कश्मीर की फ्लाइट रद्द होने के बाद वह सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा और लंगर की सेवा में लोगों को खाना खिला रहा है। जब मीडिया ने उनसे पूछा कि अगर आपके जहां आने पर सरकार नाराज हुई या फिर आपकी नौकरी को कोई खतरा हुआ तो... । इसके जवाब में जवान ने कहा कि देश की तरह किसान भी हमारी जिम्मेदारी है, अगर सरकार नाराज हुई तो नौकरी छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश के अन्नदाता है और सरकार को उनकी मांगों की तरफ गौर करना चाहिए।
किसानों ने प्रदर्शन तेज करने की दी चेतावनी
भीषण सर्दी, बारिश के बावजूद केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब 40 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने अपना प्रदर्शन तेज करने की धमकी दी है। हालांकि खराब मौसम के पूर्वानुमान के मद्देनजर उन्होंने बुधवार को आहूत ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया। सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की खामियों वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी। दोनों के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में भीषण सर्दी का प्रकोप जारी है, यहां बुधवार सुबह बारिश हुई और ओले गिरे। दिल्ली में चार दिन से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, जो 15 साल में जनवरी में सबसे कम था।
किसान आंदोलन ने जुड़ी याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगा SC
कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन से उठे मुद्दों पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह नए 11 जनवरी को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पाया कि किसानों के प्रदर्शन के संबंध में जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं आया है। केन्द्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत जारी है। अटॉर्नी जनवरी के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि निकट भविष्य में दोनों पक्षों में सहमति बनने की अच्छी संभावना है और नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केन्द्र के प्रतिक्रिया दायर करने से किसानों और सरकार के बीच बातचीत में बाधा उत्पन्न हो सकती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार और किसानों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि इन याचिकाओं पर आठ जनवरी को बातचीत नहीं की जानी चाहिए।