किसान आंदोलन: मध्यस्थता की पहल करने वाले लक्खा सिंह का दावा, बातचीत के दौरान भावुक होकर रो पड़े तोमर

Edited By Anil dev,Updated: 08 Jan, 2021 02:48 PM

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केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार दोपहर को आठवें दौर की बातचीत होगी, जिसमें दोनों पक्ष एक महीने से जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश करेंगे। अभी तक हुई बातचीत में कोई हल नहीं निकला है।

नेशनल डेस्क: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार दोपहर को आठवें दौर की बातचीत होगी, जिसमें दोनों पक्ष एक महीने से जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश करेंगे। अभी तक हुई बातचीत में कोई हल नहीं निकला है। इसी बीच मध्यस्थता की पहल करने वाले किसान संगठन और सरकार की बीच नानकसर सम्प्रदाय से जुड़े बाबा लक्खा सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद दावा किया कि कृषि मंत्री उनसे बातचीत के दौरान भावुक हो रो पड़े। 

जल्द समाधान निकालने की कोशिश
उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े ध्यान से दो घंटे तक हमारी बात सुनी। लक्खा सिंह ने कहा, आंदोलन के चलते बजुर्ग महिला और पुरुष सब सड़कों पर हैं। इन सबका दुख असहनीय है। कईं लोगों की जान जा चुकी है। इन सबका दुख असहनीय है, इसलिए मुझे लगा कि इसका कैसे भी समाधान होना चाहिए। इसलिए मैं आज कृषि मंत्री से मिला। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बातचीत हुई है हमें उम्मीद है जल्द ही समाधान निकल जाएगा। 

किसानों ने निकाली  ट्रैक्टर रैली 
कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों ने बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। वहीं दूसरी ओर केन्द्र का कहना है कि वह कानूनों को रद्द करने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है। दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में आठवें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक बेनतीजा रही थी। हालांकि 30 दिसम्बर को छठे दौर की वार्ता में कुछ सफलता मिली थी, जब सरकार किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी मांगों पर राजी हो गई थी। किसानों ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा के रेवासन में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। 

ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल
प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है। किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर नवम्बर से डटे हैं। यातायात पुलिस के अधिकारी लगातार ट्विटर पर लोगों को बंद एवं परिवर्तित मार्गों की जानकारी दे रहे हैं। यातायात पुलिस ने मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। उसने कहा कि कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर जाएं। मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है। आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें। उसने कहा कि चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा तथा गाजीपुर से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है। कृपया आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आएं। उसने कहा कि टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह बंद है। 

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