Edited By Anil dev,Updated: 17 Dec, 2020 12:40 PM
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नेशनल डेस्क: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच नानकसर सिंगरा गुरुद्वारा के संचालक बाबा राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल पर सुसाइड नोट मिला हैं जिससे उन्होंने लिखा है कि किसानों का दर्द देखा नहीं जा रहा। वहीं पिछले करीब 2 दशक से उनके शिष्य गुलाब सिंह ने इस पूरी घटना को लेकर मीडिया से बातचीत की।
हर दिन डायरी लिखते थे बाबा राम सिंह
उन्होंने बताया कि बाबा राम सिंह किसान आंदोलन को लेकर काफी चिंतत थे। उन्होंने 8-9 दिसंबर को ही करनाल में एक समागम किया, जिसमें किसान आंदोलन के लिए अरदास रखी गई। बाबा राम सिंह ने दिल्ली में आंदोलन के दौरान लोगों की काफी मदद की। उन्होंने पांच लाख रुपये सर्दी से बचने के लिए गर्म कंबलों की सेवा दी। वह हर रोज अपने जत्थे समेत पहुंच रहे थे। हर दिन वह डायरी लिखते थे। वह कहते कि मुझसे यह दुख नहीं देखा जा रहा।
धरना स्थल के पास पिस्तौल से कनपटी पर मार ली गोली
प्राप्त जानकारी के अनुसार करनाल के नानकसर सिंगरा गुरुद्वारे के बाबा रामसिंह (65) ने आज शाम कुंडली धरना स्थल के पास पिस्तौल से कनपटी पर गोली मार ली। उनके परिचित अमरजीत सिंह ने बताया कि शाम को उन्होंने खुद को गोली मार ली। घायल अवस्था में उन्हें तुरंत पानीपत के निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही कुंडली थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। निजी अस्पताल से शव को कब्जे में लेकर पानीपत के सामान्य अस्पताल में ले जाया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही पूरे मामले का पता लग सकेगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धरना स्थल पर कई किसान मौजूद थे। इसी दौरान बाबा रामसिंह ने आंदोलन में बलिदान देने की बातें करते हुए अन्य किसानों को स्टेज पर भेज दिया। उसके बाद खुद को अपने वाहन में जाकर गोली मार ली।
जुल्म करना पाप है तो जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप
गोली मारने का पता लगते ही उन्हें घायल अवस्था में पानीपत के निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा गया है कि कुंडली बॉडर्र पर किसानों का दुख देखा, अपना हक लेने के लिए सड़कों पर रुल रहे हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही। जुल्म है, जुल्म करना पाप है जुल्म सहना उससे भी बड़ा पाप है। किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया और किसी ने कुछ किया। किसी ने अपने सम्मान वापस किए, मतलब अवार्ड, पुरस्कार वापस करके रोष जताया। दास किसानों के हक में सरकारी जुल्म के रोष में आत्मदाह मतलब सुसाइड कर रहा हूं। ये जुल्म के खिलाफ आवाज है तथा कीर्ति किसान के हक में आवाज है। वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह। सोनीपत एसपी जश्नदीप रंधावा ने कहा कि धरना स्थल पर किसान के गोली मारकर आत्महत्या करने की जानकारी मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस टीम को पानीपत भेजा गया है।