गुजरात चुनाव: 77 सीटों से 60 सीटों पर सिमटी कांग्रेस बोली, डर की वजह से भाजपा के खिलाफ नहीं बोलते हैं लोग !

Edited By Anil dev,Updated: 28 Nov, 2022 10:04 AM

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गुजरात के 2017 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटों से 60 सीटों पर सिमटी कांग्रेस के लिए यह चुनाव कड़ी परीक्षा है। जानकारों की माने तो इस चुनाव में कांग्रेस को अहसास हो जाएगा कि वह जमीन पर कहां खड़ी है।

नेशनल डेस्क: गुजरात के 2017 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटों से 60 सीटों पर सिमटी कांग्रेस के लिए यह चुनाव कड़ी परीक्षा है। जानकारों की माने तो इस चुनाव में कांग्रेस को अहसास हो जाएगा कि वह जमीन पर कहां खड़ी है। हालांकि कांग्रेस कई विधायकों और बड़े नेताओं के भाजपा में चले जाने के बाद भी उसका दावा है कि राज्य में उसका मजबूत जनाधार है। वडगाम से कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवानी ने राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर दमन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोग डर की वजह से भाजपा के खिलाफ नहीं बोल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की तमाम कोशिशों के बाद भी हम 60 विधायक हैं। हमने पिछले 27 वर्षों में सरकार नहीं बनाई है, लेकिन कांग्रेस का अब भी पूरे गुजरात में जबरदस्त जनाधार है।

मेवानी ने कहा कि हमारे पास हर गांव में लगभग हर बूथ पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं, लेकिन यह एक चुनौती है और हमें बहुत अधिक वैचारिक रूप से काम करने की जरूरत है। हमें ऐसे और लोगों को लाने की जरूरत है जो वैचारिक रूप से मजबूत हों और पार्टी से जुड़े हों। जिग्नेश कहते हैं कि यह निस्संदेह कठिन है और जिस तरह से कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं, वह गुजरात में सभी के लिए और यहां तक कि केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी एक बड़ी चिंता है। यह एक अच्छा संदेश नहीं भेज रहा है, लेकिन कोई क्या कर सकता है?  कोई तत्काल समाधान नहीं है।

दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने कहा कि दलित ज्यादातर कामकाजी वर्ग से आते हैं और वो भूमिहीन लोग हैं। उन्होंने कहा कि यही बात गुजरात में भी है, लेकिन गुजरात सरकार को दलितों और गरीबों की चिंता नहीं है। जिग्नेश ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी निशाना साधा और कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक शोषण यह सभी ऐसे मुद्दे हैं, जो दलितों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में मैं जहां भी भाजपा के खिलाफ प्रचार कर पाया हूं, वहां अपने लोगों को बताया है कि भाजपा किसके खिलाफ खड़ी है। मेवानी ने कहा कि हमने लोगों को बताया है कि भाजपा आपके आरक्षण को खत्म करना चाहती है। भाजपा और सहयोगी संगठन संविधान के खिलाफ हैं।

जिग्नेश आरोप लगाते हुए कहते हैं कि दलितों के प्रति सरकार का रवैया दयनीय है। कोने-कोने से आने वाली मांगों और राज्य विधानसभा में उठाए जा रहे मुद्दों के बावजूद उन्हें न तो अत्याचार के मामलों (एससी-एसटी एक्ट) की परवाह है और न ही उन्हें छात्रवृत्ति योजना को लागू करने की परवाह है। वे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उप योजना अधिनियम के निर्माण के बारे में चिंतित नहीं हैं। वे भूमिहीन दलितों के बारे में कुछ नहीं करना चाहते, वे भूमि आवंटित नहीं करना चाहते, वे तब तक आवंटित भूमि पर कब्जा सुनिश्चित नहीं करना चाहते जब तक कि आंदोलन का आह्वान न हो।

 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस के समर्थन से जीते थे और उन्होंने 19,696 मतों के अंतर से भाजपा के उम्मीदवार को हराया था। पांच साल बाद 2022 के चुनाव में जिग्नेश मेवाणी अब कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। जिग्नेश मेवानी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता मेरे साथ है और मैं पार्टी का एक हिस्सा हूं। कांग्रेस दशकों पुरानी पार्टी है।

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