Edited By Anil dev,Updated: 04 Feb, 2021 02:28 PM
देश में रक्षा क्षेत्र का प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ऐसा ड्रोन तथा हथियार प्रणाली विकसित कर रहा है जो दुश्मन की सीमा में 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम होगा। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन तथा...
नेशनल डेस्क: देश में रक्षा क्षेत्र का प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ऐसा ड्रोन तथा हथियार प्रणाली विकसित कर रहा है जो दुश्मन की सीमा में 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम होगा। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन तथा निदेशक इंजीनियर अरूप चटर्जी ने गुरुवार को यहां एयरो इंडिया के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कैटस हंटर नाम के इस ड्रोन को देश में ही बने लड़ाकू विमान तेजस या किसी भी अन्य विमान से मिसाइल की तरह दागा जा सकेगा।
अपनी सीमा में रह कर दाग सकते है लड़ाकू विमान
उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस ड्रोन को लड़ाकू विमान अपनी सीमा में रह कर दाग सकते हैं और ये दुश्मन की सीमा में 700 किलोमीटर तक मार कर सकेंगे। इसके अलावा ये साढे तीन सौ किलोमीटर की दूरी तक मार करने के बाद वापस भी आ सकते हैं। माधवन ने कहा कि यह एचएएल का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसे पूरा करने में चार से पांच साल का समय लगने की संभावना है। इसके बाद इसे मदरशिप तेजस आदि में फिट करने की व्यवस्था में भी 18 महीने का समय लगेगा।
इस ड्रोन का वजन होगा दो टन
इस ड्रोन का वजन दो टन होगा और यह अपने साथ पांच से आठ किलोग्राम के बम ले जाने में सक्षम होगा। ये बम मदरशिप से नियंत्रित किये जा सकते हैं। इस परियोजना पर 400 से 500 करोड रुपये का खर्च आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एचएएल एक ऐसा मानवरहित उपग्रह भी विकसित करने की योजना बना रहा है जो 70 हजार किलोमीटर की उंचाई से निगरानी और हमला करने में सक्षम होगा।