विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानचित्रों में सीमाओं को बार-बार दिखाने पर भारत ने WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में बेहद सख्त लहजे में कहा गया है कि गलत नक्शे को फौरन सुधार लिया जाए। भारत ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के पोर्टल्स पर मौजूद वीडियो और मैप्स में उसकी सीमाओं को ठीक स
नेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानचित्रों में सीमाओं को बार-बार दिखाने पर भारत ने WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में बेहद सख्त लहजे में कहा गया है कि गलत नक्शे को फौरन सुधार लिया जाए। भारत ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के पोर्टल्स पर मौजूद वीडियो और मैप्स में उसकी सीमाओं को ठीक से नहीं दर्शाया जा रहा। एचटी के मुताबिक, 8 जनवरी को WHO चीफ को लिखी चिट्ठी में पांडेय ने लिखा है, "मैं WHO के अलग-अलग वेब पोर्टल्स पर नक्शों में भारत की सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाए जाने पर बेहद नाराजगी जाहिर करता हूं। भारत की तरफ से इस मुद्दे पर पिछले एक महीने में WHO को लिखी गई यह तीसरी चिट्ठी है। WHO ने अभी तक अपने वेबसाइट पर भारत का सही नक्शा नहीं दिखाया है।

सभी देशों को अलग-अलग रंगों में दिखाया है
आपको बतां दे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक बहुत बड़ी चूक सामने आई है। WHO की वेबसाइट में जारी किए गए दुनिया के नए नक्शे में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग दिखाया गया है। ब्रिटेन के भारतीय प्रवासियों ने इस मैप पर आपत्ति जताते हुए इसे जल्द से जल्द हटाने की मांग की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर दुनिया के सभी देशों को अलग-अलग रंगों मेंं दिखाया है। भारत को जहां नीले रंग से दर्शाया गया है ताे वहीं हाल ही में दो केंद्रीय शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मी और लद्दाख को ग्रे रंग से दिखाया गया है। इसके अलावा, अक्साई चीन को विवादित सीमा को नीली धारियों के साथ सीमांकित किया गया है, जो कि चीन का हिस्सा लगता है।

संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देश से बनाया मानचित्र: WHO
दरअसल WHO ने ये मानचित्र Covid-19 Scenario Dashboard पर लगा है, जो कि देश के हिसाब से बताता है कि किस मुल्क में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कितने पुष्ट मामले हैं और उससे कितनी मौतें हुई हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों का पालन कर इस मानचित्र को तैयार किया गया है।

गलती मानने को तैयार नहीं
हैरानी वाली बात यह है कि डब्ल्यूएचओ ने गलती की है, लेकिन अब उसे मानने को भी तैयार नहीं है। उसका कहना है कि इस नक्शे को तैयार करते वक्त उसने संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों का पालन किया है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को लेकर भी बार-बार अपना रुख बदला है। डब्ल्यूएचओ की इस गलती से भारत में नाराजगी का माहौल है।
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