Edited By Anil dev,Updated: 23 Jun, 2022 11:40 AM
महाराष्ट्र में गहराये राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना ने आज संकेत देते हुए कि वह बागी विधायकों को शांत करने के मूड में नहीं है। गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय लिखते हुए, कार्यकारी संपादक संजय राउत ने तर्क दिया कि एकनाथ शिंदे के...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में गहराये राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना ने आज संकेत देते हुए कि वह बागी विधायकों को शांत करने के मूड में नहीं है। गुरुवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय लिखते हुए, कार्यकारी संपादक संजय राउत ने तर्क दिया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को अपने विश्वासघात का हिसाब देना होगा। यह स्वीकार करते हुए कि एमवीए सरकार लंबे समय तक नहीं रह सकती है, उन्होंने कहा कि शिवसेना पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, भले ही वह राज्य में सत्ता खो दे। इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर बीजेपी पर बगावत की साजिश रचने का आरोप लगाया। दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रही सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इससे पहले राउत ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम राज्य विधानसभा को भंग करने की ओर ले जा रहा है।'' बाद में ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा, ‘‘जब कभी किसी भी राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो मैंने देखा है कि विधानसभा को भंग कर दिया जाता है।'' राउत का यह बयान शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे द्वारा बगावत किए जाने के परिणामस्वरूप राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार के लिए पैदा हुए संकट के बीच आया है।
राउत ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने पद से इस्तीफा देंगे। शिंदे ने कहा है कि उनके समर्थन में 46 विधायक हैं। उन्होंने एक मराठी टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘मेरे पास दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में एक अलग समूह बनाने के लिए शिवसेना विधायकों की आवश्यकता से अधिक संख्या है।'' महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 सदस्य हैं। पार्टी के खिलाफ बगावत कर चुके शिंदे और शिवसेना के विधायकों को लेकर एक चार्टर्ड विमान बुधवार सुबह असम के गुवाहाटी शहर पहुंचा।