SC ने लगाई मास्क न पहनने वालों से सेवा कराने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

Edited By Anil dev,Updated: 03 Dec, 2020 04:00 PM

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उच्चतम न्यायालय ने बगैर मास्क के पकड़े जा रहे लोगों को कोविड मरीजों के सुविधा केन्द्रों में सामुदायिक सेवा के लिये भेजने के गुजरात उच्च न्यायालय के निर्देश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने बगैर मास्क के पकड़े जा रहे लोगों को कोविड मरीजों के सुविधा केन्द्रों में सामुदायिक सेवा के लिये भेजने के गुजरात उच्च न्यायालय के निर्देश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने गुजरात सरकार की इस दलील का संज्ञान लिया कि उच्च न्यायालय का आदेश बहुत सख्त है और इससे, उल्लंघनकर्ताओं की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।

शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की कि कोविड-19 के निर्देशों का राज्य में सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है। न्यायालय ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाने संबंधी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन हो। पीठ ने राज्य में पुलिस और दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों को भी आदेश दिया कि इन दिशा निर्देशों पर सख्ती से अमल सुनिश्चित किया जाए और इनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। शीर्ष अदालत इस संबंध में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

मास्क पहनने का नियम तोड़ने वालों के लिए समुदायिक सेवा को अनिवार्य बनाएं  
इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के अलावा कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा करने को अनिवार्य बनाए। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि नियम का उल्लंघन करने वालों को कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा के लिए भेजा जाए। समुदायिक सेवा के तहत साफ-सफाई जैसे गैर चिकित्सकीय काम में उन्हें लगाया जा सकता है। उल्लंघन करने वालों को पांच से 15 दिन तक रोजाना चार से छह घंटे के लिए भेजा जा सकता है। अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में मास्क पहनने के नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कोविड-19 देखभाल केंद्र में सामुदायिक सेवा को अनिवार्य करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा कि लोगों द्वारा मास्क नहीं लगाने, उचित दूरी का पालन नहीं करने के कारण कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। 

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