अमरोहा कांडः उस खौफनाक रात के बाद किसी मां ने नहीं रखा अपनी बच्ची का नाम शबनम

Edited By Anil dev,Updated: 17 Feb, 2021 06:47 PM

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देश की आजादी के बाद एक बार फिर मथुरा जेल में किसी महिला को फांसी देने की तैयारियां की जा रही है। देश की आजादी के बाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा।

नेशनल डेस्क: देश की आजादी के बाद एक बार फिर मथुरा जेल में किसी महिला को फांसी देने की तैयारियां की जा रही है। देश की आजादी के बाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा। मथुरा जेल में महिला को फांसी देने की तैयारियां चल रही हैं। फांसी की तारीख तय होना बाकी है। मथुरा जेल में बंद अमरोहा की रहने वाली शबनम की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है, जिसके बाद मथुरा स्थित यूपी के इकलौते महिला फांसीघर में शबनम को मौत की सजा दी जाएगी। यह एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना थी जिसके बाद घरवालों ने किसी भी बच्चे का नाम शबनम रखने से मना कर दिया।  

इस नाम से न सिर्फ बावनखेड़ी गांव बल्कि आसपास के कई गांव के लोग खौफ खाते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि वर्ष 2008 में बावनखेड़ी कांड के समय गांव में कई बेटियों का नाम शबनम था। अधिकांश बेटियों की शादी हो चुकी है। शबनम नाम की चार पांच बेटियां होंगी। घटना के बाद गांव में किसी बच्ची का नाम शबनम नहीं रखा गया है। शबनम नाम जुबां पर आते ही खौफनाक रात की याद आ जाती है। 


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प्रेमी संग मिलकर सात परिजनों की हत्या
अमरोहा निवासी शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने ही घर में खूनी खेल खेला था।शबनम ने अपने माता-पिता, दो भाई, भाभी, मौसी की लड़की, भतीजे की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। शबनम को जल्द ही उसके गुनाह की सजा मिल जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय से बहाल की गई फांसी की सजा के बाद राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका को ठुकरा दिया है। आजादी के बाद शबनम देश की पहली महिला होगी, जिसे मथुरा जेल में फांसी दी जाएगी। 


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प्रेम संबंध के लिए दिया रूह कंपा देने वाले जुर्म को अंजाम 
पुलिस के अनुसार 25 साल की शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया। दरअसल, पोस्टग्रेजुएट और पेशे से शिक्षक शबनम को पांचवीं पास सलीम से प्यार हो गया था। परिवार वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इसी बीच शबनम गर्भवती हो गई। फिर दोनों ने मिलकर परिवार को खत्म करने की योजना बनाई। 15 अप्रैल, 2008 की रात शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और जब सब बेहोशी की नींद सो गए तो उसने एक-एक कर कुल्हाड़ी से सबको मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने जांच के क्रम में जब शबनम की कॉल डिटेल निकाली तो उसके सलीम से बात होने की पुष्टि हो गई। शबनम से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सब उगल दिया।

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पुलिस ने शबनम के साथ प्रेमी सलीम को भी किया गिरफ्तार
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने शबनम के साथ प्रेमी सलीम को भी गिरफ्तार कर लिया और हत्या में उपयोग किया गया कुल्हाड़ी भी बरामद की कोर्ट ने जघन्य हत्याकांड के लिये शबनम और सलीम दोनों को फांसी की सजा सुनाई है। जेल जाने के करीब 7 माह बाद शबनम के एक बेटे को जन्म दिया। कई साल तक ये बच्चा शबनम के साथ रहा। 2015 में फांसी की सजा सुनाए जाने के शबनम ने इस बच्चे को अपने दोस्त और उसकी पत्नी को सौंप दिया था। शबनम और सलीम का बेटा अभी 11 साल का है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा। 

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मथुरा जेल में 150 साल पहले बनाया गया था महिला फांसीघर
शबनम ने सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। जहां से सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद शबनम-सलीम ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी, लेकिन राष्ट्रपति भवन से उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी दी जाएगी। मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। आजादी के बाद से अब तक यहां किसी भी महिला को फांसी पर नहीं लटकाया गया है। 

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