Edited By Anil dev,Updated: 19 Feb, 2021 05:46 PM
अत्याधुनिक टैंक रोधी मिसाइलों हेलिना और ध्रुवस्त्र का रेगिस्तान की फायर रेंज में आज संयुक्त रूप से परीक्षण किया गया जो पूरी तरह सफल रहा है। यह मिसाइल किसी भी समय टारगेट पर अटैक करने में सक्षम है। भारत-चीन तनाव और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों...
नेशनल डेस्क: अत्याधुनिक टैंक रोधी मिसाइलों हेलिना और ध्रुवस्त्र का रेगिस्तान की फायर रेंज में आज संयुक्त रूप से परीक्षण किया गया जो पूरी तरह सफल रहा है। यह मिसाइल किसी भी समय टारगेट पर अटैक करने में सक्षम है। भारत-चीन तनाव और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों के बीच यह परीक्षण काफी अहम माना जा रहा है। ये मिसाइल प्रणाली स्वदेशी है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसे विकसित किया है। मिसाइल प्रणाली की क्षमता को आंकने के लिए न्यूनतम और अधिकतम दूरी के साथ पांच मिशन छोड़े गए।
इन मिसाइलों को स्थिर तथा गतिमान लक्ष्यों पर निशाना साधने के लिए दागा गया। इनमें से कुछ मिशन को मुखास्त्र के साथ अंजाम दिया गया। एक मिशन को गतिमान लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए हेलिकॉप्टर से भी दागा गया। तीसरी पीढी की इस मिसाइल प्रणाली में मिसाइल को दागने से पहले लक्ष्य को लॉक किया जाता है और यह लक्ष्य को सीधे हिट करने या उस पर उपर से हमला करने में सक्षम है। इसे किसी भी मौसम में दिन-रात किसी भी समय दागा जा सकता है और यह सभी तरह के टैंकों को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है। यह दुनिया का अत्याधुनिक टैंक रोधी हथियार है जो अब सेना के हथियारों के बेडे में शामिल किए जाने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ , सेना तथा वायु सेना को बधाई दी है। डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने भी इस परीक्षण से जुड़ी टीम के सदस्यों के प्रयास की सराहना की है।