Edited By Anil dev,Updated: 22 Jan, 2021 06:15 PM
गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर इस बार नौसेना की झांकी में 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह की तबाही का मंजर दिखाई देगा। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर जीत...
नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर इस बार नौसेना की झांकी में 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह की तबाही का मंजर दिखाई देगा। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर जीत की स्वर्ण जयंती को देश भर में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रहा है।
इस युद्ध में नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को ध्वस्त कर जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। नौसेना ने इस बार की झांकी में लोगोंं को कराची बंदरगाह पर हमले की झलक दिखाने की कोशिश की है। इस झांकी का उद्देश्य 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान एक विश्वसनीय बल के रूप में नौसेना की शानदार भूमिका को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष झांकी का विषय भारतीय नौसेना - युद्ध तत्पर, विश्वसनीय और सुगठित है।
झांकी के अग्र भाग में मिसाइल बोट्स द्वारा कराची बंदरगाह पर हमले को प्रदर्शित किया गया है। ये हमले तीन और चार दिसंबर की दरमियानी रात को ऑपरेशन ट्राइडेंट और आठ तथा नौ दिसंबर की दरमियानी रात को ऑपरेशन पायथोन के तहत किए गए। झांकी में मिसाइल बोट दागने और दोनों अभियानों के दौरान हमलावर यूनिटों द्वारा अपनाये गए मार्ग को झांकी के किनारों पर ट्रैक चार्ट के रूप में भी दर्शाया गया है।
झांकी के पिछले हिस्से में नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को समुद्री हॉक और एलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन का संचालन करते हुए दिखाया गया है। विक्रांत की मदद से चलाए गए हवाई अभियानों से पूर्वी पाकिस्तान के जहाजों और तटीय प्रतिष्ठानों को खासी क्षति पहुंची और बांग्लादेश की मुक्ति में इन अभियानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।