विपक्ष को कोविड-19 संकट के बारे में संभलकर बात करनी चाहिए: शिवसेना

Edited By Anil dev,Updated: 23 Feb, 2021 04:50 PM

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शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में हाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है और विपक्ष को कोविड-19 संकट के बारे सावधानीपूर्वक बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को लोगों से कोविड-19 के संबंध में उचित तौर तरीके...

नेशनल डेस्क: शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में हाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है और विपक्ष को कोविड-19 संकट के बारे सावधानीपूर्वक बोलना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को लोगों से कोविड-19 के संबंध में उचित तौर तरीके अपनाने और नियमों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह से लेकर 15 दिन तक हालात पर नजर रखेंगे और फिर लॉकडाउन लगाने का फैसला करेंगे। शिवसेना के मुखपत्र सामना में मंगलवार को एक संपादकीय में कहा गया कि ठाकरे की टिप्पणी के बाद भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि सरकार को खौफ का माहौल नहीं पैदा करना चाहिए और निरंकुश शासक की तरह काम नहीं करना चाहिए। 

शिवसेना ने एम्स, दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया के बयान का हवाला देते हुए कहा कि हर्ड इम्युनिटी' हासिल करना बहुत कठिन है और उन्होंने महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मिले स्वरूप को ज्यादा घातक बताया है। इससे पूर्व में कोविड-19 की एंटीबॉडी बन चुके लोगों के भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है। हर्ड इम्युनिटी वह अवस्था जब बड़ी संख्या में लोग किसी संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। मराठी दैनिक ने कहा कि अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एम्स)ने कोविड-19 की चर्चा की है। महाराष्ट्र में विपक्ष को समझना चाहिए एम्स महाविकास आघाडी का घटक नहीं है। संपादकीय में कहा गया, हाल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। इसमें कहा गया कि पुन: लॉकडाउन टालना है तो लोगों को जिम्मेदारी भरा बर्ताव करना होगा। विपक्ष को भी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। 

सामना में कहा गया, विपक्ष को कोरोना संकट के समय सावधानी से बात करनी चाहिए। राजनीति करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है और ऐसा नहीं है कि केवल कोरोना वायरस ने यह मौका दिया है। इसलिए सावधानी बरतें। दरेकर पर निशाना साधते हुए संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र के नेताओं को अगर लगता है कि एम्स के निदेशक देश को गुमराह कर रहे हैं तो उन्हें दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाहिए। शिवसेना ने कहा लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो सकती है इसलिए केंद्र को ऐसी स्थिति में मदद करना चाहिए। संपादकीय में कहा गया, महाराष्ट्र जैसे राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज देना चाहिए। अगर महाराष्ट्र का विपक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी से वित्तीय पैकेज का अनुरोध करता है तो हमें इस पर आपत्ति नहीं होगी।

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