शीर्ष अदालत के आदेश के तीन साल बाद भी अयोध्या की नयी मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं हुआ

Edited By Anil dev,Updated: 07 Dec, 2022 11:02 AM

national news punjab kesari supreme court ayodhya

उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश के तीन साल बाद भी अयोध्‍या के पास धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। हालांकि कंटीले तारों की बाड़ और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन द्वारा लगाया गया एक बोर्ड इस बात का संकेत है कि धन्नीपुर गांव...

नेशनल डेस्क: उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश के तीन साल बाद भी अयोध्‍या के पास धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। हालांकि कंटीले तारों की बाड़ और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन द्वारा लगाया गया एक बोर्ड इस बात का संकेत है कि धन्नीपुर गांव में इस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण होने जा रहा है। बोर्ड पर प्रस्तावित मस्जिद का खाका दिया गया है जिसके लिए शीर्ष अदालत ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा करते हुए मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने का राज्‍य सरकार को आदेश दिया था लेकिन अदालत के आदेश के तीन साल बाद भी प्रस्तावित मस्जिद स्थल पर किसी निर्माण व गतिविधि का कोई संकेत नहीं है। अयोध्या विकास प्राधिकरण को ट्रस्ट के प्रस्ताव को अभी मंजूरी देनी है, लेकिन ट्रस्ट को उम्मीद है कि यह मंजूरी जल्द मिल जाएगी। 

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया, "हमने अयोध्या विकास प्राधिकरण को प्रस्तावित परिसर का एक विस्तृत नक्शा प्रस्तुत किया है। इसकी मंजूरी में पहले कोरोना महामारी के कारण देरी हुई थी। उन्होंने अब हमें सूचित किया है कि नक्शे की मंजूरी में सभी बाधाओं को दूर किया जा रहा है।" इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद के निर्माण के साथ काम करने वाला एक ट्रस्ट है। उच्चतम न्यायालय के 2019 के फैसले ने उस जगह पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जहां 16वीं शताब्दी की बाबरी मस्जिद थी- जिसे 1992 में इसी दिन (छह दिसंबर) 'कारसेवकों' द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। अदालत ने मुस्लिम समुदाय को एक नयी मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूखंड आवंटित करने का भी आदेश दिया। लखनऊ-फैजाबाद राजमार्ग से गड्ढों वाली एक सड़क अयोध्या जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव की ओर जाती है। प्रस्तावित मस्जिद स्थल तक जाने का रास्‍ता संकरा है और कुछ समय पहले तक यह जमीन खेती के उपयोग में लायी जाती थी। अब इसकी परिधि के साथ 10 फुट ऊंची कांटेदार तार की बाड़ है। 

अतहर हुसैन ने कहा, "नक्शे को मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य आगे बढ़ जाएगा। जब तक हमें मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक समय सीमा के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।" ट्रस्ट निर्माण शुरू करने के लिए नवंबर के अंत तक विकास प्राधिकरण से मंजूरी की उम्मीद कर रहा था। हुसैन ने नवंबर के मध्य में पीटीआई-भाषा से कहा था, ''हमें इस महीने के अंत तक प्रस्तावित मस्जिद, अस्पताल, सामुदायिक रसोई, पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र के नक्शे को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके तुरंत बाद हम निर्माण शुरू कर देंगे।'' उन्होंने कहा था कि धन्नीपुर अयोध्या मस्जिद का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है, जबकि शेष संरचनाएं बाद में पूरी की जाएंगी। उस वक्त हुसैन ने कहा कि अग्निशमन विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन के दौरान संकरी पहुंच वाली सड़क पर आपत्ति जताई थी। 

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव ने कहा था कि जिला प्रशासन को तुरंत सूचित किया गया था, जिसके बाद उसने संपर्क मार्ग को चौड़ा करने के लिए अतिरिक्त भूमि की माप पूरी कर ली थी। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने साइट पर एक मस्जिद के साथ-साथ 1857 के सिपाही विद्रोह के संग्रह के साथ एक 200-बेड का अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई, एक पुस्तकालय बनाने की योजना बनाई है। जब मस्जिद के लिए जमीन आवंटित की गई थी, तब ग्रामीणों ने एक उज्जवल भविष्य की आशा की थी। मोहम्मद गामू (60) के घर से सड़क के उस पार प्रस्तावित स्थल दिखाई देता है। 

गामू ने कहा, "मैं अपने पिता और पूर्वजों की तरह इस गांव में पैदा हुआ। मैंने यह घर 15 साल पहले बनाया था। हमें उम्मीद थी कि मस्जिद और अस्पताल बनने के बाद मेरे परिवार की स्थिति में सुधार होगा, लेकिन तीन साल में कुछ नहीं हुआ।' गामू की पत्नी ने शिकायत की कि उन्हें पीएम-आवास योजना, उज्ज्वला योजना या किसान सम्मान निधि का कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "हमारे परिवार में किसी के पास नौकरी नहीं है और हम रोजी-रोटी कमाने के लिए मजदूरी करते हैं। मस्जिद के निर्माण से हमें कुछ उम्मीद मिली थी लेकिन अब लगता है कि कुछ नहीं होगा।" ग्राम प्रधान जीत बहादुर यादव ने कहा कि मस्जिद परिसर के निर्माण की घोषणा के बाद जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं और प्रॉपर्टी डीलर नियमित रूप से आ रहे हैं। अयोध्या और आसपास के जिलों से प्रॉपर्टी डीलर संपत्ति की तलाश में अक्सर गांव आते हैं।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!