Edited By Anil dev,Updated: 04 Dec, 2020 12:03 PM
केंद्र ने आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये गये नेताओं को उम्र भर चुनाव लडऩे के अयोग्य बनाने के लिये दायर संशोधित जनहित याचिका का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया है। केंद्र ने तर्क दिया है कि निर्वाचित प्रतिनिधि कानून से समान रूप से बंधे हैं।
नेशनल डेस्क: केंद्र ने आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये गये नेताओं को उम्र भर चुनाव लडऩे के अयोग्य बनाने के लिये दायर संशोधित जनहित याचिका का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया है। केंद्र ने तर्क दिया है कि निर्वाचित प्रतिनिधि कानून से समान रूप से बंधे हैं।
दोषी नेताओं को उम्र भर के लिए प्रतिबंध लगाने का किया अनुरोध
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी संशोधित जनहित याचिका में जन प्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत दो साल या इससे अधिक की सजा पाने वाले नेताओं सहित सभी दोषी व्यक्तियों के जेल से रिहा होने के बाद छह साल तक चुनाव लडऩे के अयोग्य होने की बजाये उम्र भर के लिए प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
जनहित याचिका में संशोधन के आवेदन में कोई गुण नही
कानून मंत्रालय ने न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा है कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों को चुनौती देने के लिये जनहित याचिका में संशोधन के आवेदन में कोई गुण नहीं है। केन्द्र ने अपने जवाब में कहा कि पब्लिक इंटरेस्ट फाउण्डेशन बनाम केन्द्र मामले में शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में इस विषय पर विचार करके अपनी व्यवस्था दी और वैसे भी एक निर्वाचित प्रतिनिधि की अयोग्यता के बारे में कानून में विस्तार से प्रावधान है।