Edited By Anil dev,Updated: 27 Mar, 2021 04:43 PM
केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू पश्चिम बंगाल और असम में अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने दोनों राज्य में अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटने शुरू कर दिए हैं।
नेशनल डेस्क: केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू पश्चिम बंगाल और असम में अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने दोनों राज्य में अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटने शुरू कर दिए हैं। जनता दल युनाइटेड (जदयू) ने बंगाल में 45 तो असम में 50 प्रत्याशियों को सिंबल बांट दिए हैं। इन दोनों राज्यों में जदयू बिना किसी दल के साथ समझौता किए अकेले चुनाव लड़ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सीएम नीतीश कुमार सहित जदयू के सभी शीर्ष नेता अब तक असम चुनावों में प्रचार करने से क्यों कतरा रहे हैं।
जद (यू) के चार नेताओं ने ही किया अब कर असम में प्रचार
हैरान वाली बात यह है कि अब तक केवल जद (यू) के चार नेता ही असम में प्रचार करने के लिए गए हैं। इनके नाम हैं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, उत्तर-पूर्व प्रभारी संजय वर्मा, असम और पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रभारी रामप्रीत मंडल और एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी। वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि बंगाल और असम में हो रहे विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाने की कोई तैयारी नहीं है। मेरा कार्यक्रम भी बिहार में ही लगा हुआ है। संगठन के नेता और बंगाल-असम की जदयू की टीम अपने हिसाब से चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
भाजपा के दबाव के चलते नहीं जा रहे नीतीश
वहीं, आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा के दबाव के चलते चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं। जेडीयू चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है, लेकिन पार्टी के प्रमुख नेता प्रचार करने नहीं जा रहे हैं। भाजपा के दबाव के चलते जेडीयू को ऐसा करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर देखें तो जेडीयू कोई बड़ा फैसला लेने से बच रही है। यहां तक कि बिहार के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेता बंगाल और असम चुनाव को लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। कारण है बंगाल और असम चुनाव को भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाया है।
बिहार के रहने वालों की अच्छी खासी तादाद पश्चिम बंगाल में
पश्चिम बंगाल में बिहार के रहने वालों की अच्छी खासी तादाद है। फिलहाल नीतीश कुमार बंगाल चुनाव प्रचार करने के लिए जाएंगे की नहीं इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन बंगाल जद (यू)के लोग नीतीश कुमार से लगातार मांग कर रहे हैं कि सीएम नीतीश चुनाव प्रचार में बंगाल आएं।
आखिरी चरण तक जदयू के प्रत्याशी मैदान में दिखेंगे
जदयू के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष गुलाम रसूल बलियावी के अनुसार, चौथे चरण से आखिरी चरण तक जदयू के प्रत्याशी मैदान में दिखेंगे। पहले चरण के लिए पांच उम्मीदवारों को टिकट दिए गए थे लेकिन नामांकन पत्र में गलतियों की वजह से चार के नामांकन खारिज हो गए। इसके बाद से पार्टी दफ्तर में प्रत्याशियों के नामांकन पत्र को तरीके से भरने का सिलसिला शुरू हुआ। वहीं दूसरी और तीसरे चरण के लिए करीब छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। पार्टी की मानें तो चौथे चरण से प्रत्याशियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। पश्चिम बंगाल में जदयू के प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी नियमित रूप से वहां कैंप कर रहे हैं।
असम में 4 से 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है राजद
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार विधान चुनाव 2020 में एनडीए को कांटे की टक्कर देने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब असम और प. बंगाल के सियासी घमासान में उतरे हैं। असम में पहले चरण में राजद ने तिनसुकिया और तेजपुर से अपना उम्मीदवार उतारा है। ये दोनों सीटें असम के हिंदीबहुल क्षेत्र मानी जाती हैं. यही कारण है कि तेजस्वी यादव मतदाताओं से राजद प्रत्याशी को वोट देने की अपील करने पहुंचे हैं। पार्टी की ओर से बताया गया कि राजद असम में 4 से 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जिनके प्रचार के लिए तेजस्वी यादव वहां मोर्चा संभालेंगे।